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आपरेशन ब्लू स्टार में गयी थी 83 सैनिकों की जान, स्वर्ण मंदिर में एक ही रात में मारे गये थे 492 खालिस्तानी

अमृतसर: पंजाब में 6 जून, 1984 को चलाये गये आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर सोमवार को कटृरपंथी संगठनों ने आतंकवादी जनरैल सिंह भिंडरवाले के समर्थन में अमृतसर बंद किया था। इस बंद के आह्वान पर स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। 24 घंटे तक चले आपरेशन ब्लू स्टार में 3 सेना के अधिकारियों सहित 83 सैनिकों की जान गयी था, जबिक स्वर्ण मंदिर परिसर के अकाल तख्त में छुपे जनरैल सिंह भिंडरवाले सहित सभी 492 खालिस्तानी समर्थक मारे गये थे।
आज बरसी पर आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर भिंडरवाले के समर्थन में कटृरपंथी संगठनों द्वारा अमृतसर बंद को देखते हुए स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे। पूरे शहर में छह हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया। अमृतसर के कोना-कोना छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कटृरपंथी संगठनों को स्वर्ण मंदिर पर कब्जा करने की धमकी दी थी लेकिन स्वर्ण मंदिर की कड़ी सुरक्षा होने से वे अपने मकसद में जरा भी कामयाब नहीं हुए।

बता दें कि अस्सी के दशक में जनरैल सिंह भिंडरवाले पंजाब के सबसे शक्तिशाली खालिस्तान समर्थक आतंकवादी था। इससे पहले वह 1977 में सिखों के धर्म प्रचार की प्रमुख शाखा दमदमी टकसाल में जत्थेदार था और देखते ही देखता पंजाब की राजनीति में एक बड़ा चेहरा और दबंग धर्मगुरु माना जाता था। पंजाब में उसके इशारे पर ही सरकार चलती थी। भिंडरवाले के लाखों समर्थकों और रुतबे को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उसके प्रभाव में थी और चुनावों के समय पार्टी हित में उसका इस्तेमाल करती थीं।

जनरैल सिंह भिंडरवाले ने पंजाब को खालिस्तान नाम से अलग देश बनाने की मांग कर रहा था। इस देश में केवल सिख समुदाय के लोग ही वहां रखना चाहता था। खालिस्तान की अपनी इसी मांग को मनवाने के लिए तत्कालीन केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए जनरैल सिंह भिंडरवाले ने 5 अक्टूबर, 1983 में कपूरथला से जालंधर जा रही बस को रुकवाकर उसमें सवार सभी हिन्दू यात्रियों को चुन-चुनकर मार डाला था और सरकार उस पर सीधी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर सभी थी।

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जनरैल सिंह भिंडरवाले ने 15 दिसम्बर, 1983 को अपने करीब पांच सौ कट्टर समर्थकों के साथ भारी मात्रा में आधुनिक हथियारों के लैस होकर दुस्साहसिक तरीके से स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त पर कब्जा कर लिया था। महीनों के प्रयासों के बाद भी जब जनरैल सिंह भिंडरवाले के कब्जे से स्वर्ण मंदिर मुक्त करने सारे प्रयास सफल नहीं हुए तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1 जून, 1984 में स्वर्ण मंदिर को सेना के हवाले कर दिया था।

जनरैल सिंह भिंडरवाले के कब्जे से स्वर्ण मंदिर मुक्त कराने के लिए सेना ने 5 जून, 1984 को आपरेशन ब्लू स्टार प्रातः पांच बजकर 20 मिनट पर शुरु किया और इस आपरेशन में सेना के तीन अधिकारियों समेत 83 सैनिक शहीद हो गये थे और जनरैल सिंह भिंडरवाले सहित उसके 492 लोग मार गिराने के बाद स्वर्ण मंदिर को मुक्त कराया गया था। आपरेशन ब्लू स्टार में मारे गये 492 खालिस्तानियों की हत्या का बदला लेने के लिए बाद में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख सुरक्षाकर्मियों द्वारा हत्या कर दी गयी थी।

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Team News Watch India

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