नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सोमवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) में पेशी के मद्देनजर कांग्रेस सत्याग्रह मार्च निकालने पर अडी रही, लेकिन पुलिस ने मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद सैंकड़ों कार्यकर्ता ने कांग्रेस दफ्तर जाने का प्रयास किया, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। कांग्रेस के सत्याग्रह मार्च को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय वाले क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गयी।
कांग्रेस ने पहले ही घोषणा की थी कि राहुल गांधी 13 जून को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समक्ष पेश होंगे। राहुल गांधी पार्टी कार्यालय से सैंकड़ों वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं, सांसद, विधायक, कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस मुख्यालय के दफ्तर से ईडी के कार्यालय तक सत्याग्रह मार्च करेंगे। इसके लिए देश भर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया था। झारखंड के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला जैसे तमाम दिग्गज नेता कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गये थे।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी को ईडी के समक्ष पेश होना पड़ा तो रणजीत सुरजेवाला बोले- देश में अघोषित आपातकालीन लगा है
यहां अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंचने से रोकने के लिए जगह- जगह पर बैरिकेटिंग की गयी है। इसके विरोध में जहां तक भी कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंच सके, उन्होंने वहीं प्रदर्शन किया, जिस पर उन सबको हिरासत में ले लिया गया। दरअसल राहुल गांधी की ईडी में पेशी के बहाने कांग्रेस पार्टी नेताओं के एकजुट होने का संदेश देना चाहती है, लेकिन शक्ति प्रदर्शन को माध्यम से कांग्रेस जनता में यह संदेश किस हद तक पहुंचा सकेंगी, यह तो आने वाला समय ही बता सकेगा।
उधर केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सवाल उठाया कि जब कांग्रेस के कुछ गलत नहीं किया तो फिर ये सब नाटक क्यों किया जा रहा है। ठाकुर ने दो टूक कहा कि यदि कि किसी ने गलत किया है, तो उसका हिसाब तो देना ही होगा। अनुराग ठाकुर ने इशारे ही इशारों में साफ कर दिया है कि सरकार इस मामले में कोई ढिलाई बरतने के मूड में नही है। राहुल गांधी को ईडी के सवालों का जबाब देना ही होगा।