आगरा (राजकुमार तिवारी): थाना जगनेर के गांव वरिगवां में रहने वाले देवी माता का पुजारी हुकम सिंह उर्फ भोला अंधविश्वास के चलते एक मासूम का कातिल बन बैठा। उसे लगा था कि देवी माता उससे नाराज हो गयीं हैं, जिससे उसके काम बिगड़ रहे हैं। देवी माता को प्रसन्न करने के लिए हुकम सिंह उर्फ भोला ने अपने ही पडोस में रहने वाले ढाई साल के मासूम बच्चे का अपहरण कर उसकी बलि चढा दी। इससे देवी माता तो प्रसन्न नहीं हो सकी,वह मासूम बच्चे की हत्या करने के आरोप में जेल की दीवारों के पीछे जरुर पहुंच गया।
हुकम सिंह उर्फ भोला पुत्र कैलाशी थाना जगनेर क्षेत्र के गांव वरिगंवा बुजुर्ग का रहने वाला है। वह देवी माता का पुजारी है। देवी उससे प्रसन्न रहती हैं और उस पर सवार हो जाती हैं। ऐसे में जो भी लोग उसके पास मदद के लिए आते हैं, देवी की कृपा से उनके काम पूरे हो जाते हैं। वह तंत्र-मंत्र से लोगों की बीमारियां भी ठीक करने का दावा भी करता था। लेकिन कुछ दिनों से उसके तंत्र-मंत्र का असर कम होने लगा था। वह मानने लगा था कि देवी मां उससे रूठ गई थीं और देवी को प्रसन्न करने के लिए उसने बच्चे की बलि का निर्णय लिया।
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एसपी ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता का कहना है कि हुकुम सिंह उर्फ भोला ने पूछताछ में बताया कि वह गांव में रहने वाले रामअवतार की तीन बीघा जमीन पर नजर थी। रामअवतार दूसरे गांव से आकर वरिगवां में बस गया है। इसलिए भोला चाहता था कि रामअवतार उसका गांव छोड़कर वापस अपने गांव चला जाए तो वह उसकी जमीन पर कब्जा कर सकता है। हुकम सिंह उर्फ भोला ने जब रामअवतार की गोद में उसके ढ़ाई साल के बेटे रितिक को देखा, जिसके बाद तो शैतानी दिमाग में आया कि यदि वह रामअवतार के बेटे की बलि दे देता है, तो उससे देवी भी प्रसन्न हो जाएंगी और रामअवतार भी पुत्र के दुख से गांव छोड़कर चला जाएगा।
इसलिए 15 जून को जब रामअवतार को ढाई साल को बेटा रितिक अपने घर के बाहर खेल रहा था तो उसने बच्चे का अपहरण कर लिया और उसकी देवी मां की बलि चढाने के नाम पर हत्या कर दी, लेकिन बच्चे को ले जाते हुए गांव के ही शेरू उर्फ प्रदीप ने देख लिया था और पुलिस को ये जानकारी दे दी। इसके बाद पुलिस ने तांत्रिक हुकम सिंह उर्फ भोला को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए पूरी घटना बयां कर दी।