नई दिल्ली: देश में जहां एक तरफ झुलसती गर्मी लोगों की परेशानी का कारण बनी हुई है. वहीं दूसरी तरफ बिजली भी एक संकट बना है. गर्मी से बेहाल लोग बिजली की कटौती से परेशान है. वहीं गर्मी की समस्या धीरे- धीरे बढ़ती ही जायेगी और साथ ही साथ बिजली की जरुरत भी बढ़ती जायेगी.
देश में अप्रैल माह का पारा 46 डिग्री के ऊपर चला गया था. आगे के कुछ हफ्तों में तापमान में और ज्यादा बढ़ोत्तरी के आसार हैं. लोगों के घर बिजली ज्यादा प्रयोग की जा रही है. जिसके चलते बिजली की कटौती लोगों को आक्रोशित कर रहा है. जून तक तो बिजली की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जायेगी.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के बांदा में अप्रैल के महीने में 47.4 डिग्री सेल्सियस तापमान तक दर्ज किया गया. वहीं इलाहाबाद, झांसी और लखनऊ, हरियाणा में गुरुग्राम तथा मध्य प्रदेश के सतना में अप्रैल में तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस, 46.2 डिग्री सेल्सियस, 45.1 डिग्री सेल्सियस, 45.9 डिग्री सेल्सियस और 45.3 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था. ऐसे में मई और जून में और भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं. देश में बिजली की खपत अप्रैल के महीने में सालाना बेसिस पर 13.6 प्रतिशत बढ़कर 132.98 अरब यूनिट हो गई. गर्मी की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते यह बढ़ोतरी हुई.
और पढ़े- दो समुदायों के बीच पथराव के बाद तनाव, तीन गिरफ्तार, 37 दंगाई हिरासत में…
ऊर्जा नीति संबंधी सुझाव देने वाली संस्था ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा, “अगर कोयले का भंडार इस दर से कम होता रहा, तो हमें पूरे देश में बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा.”