Luxury Goods TCS India: 1% TCS अब लग्जरी वस्तुओं पर अनिवार्य, ₹10 लाख से ऊपर की खरीद पर लागू होंगे नए नियम
सरकार ने ₹10 लाख से अधिक की लग्जरी वस्तुओं की खरीद पर 1% स्रोत पर कर संग्रह (TCS) लागू किया है। इसमें घड़ियां, हैंडबैग, जूते, नौकाएं और कला वस्तुएं शामिल हैं। यह कदम कर पारदर्शिता बढ़ाने और महंगी खरीद पर निगरानी के लिए उठाया गया है।
Luxury Goods TCS India: आयकर विभाग ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब ₹10 लाख से अधिक की कीमत वाली कुछ विशेष वस्तुओं की बिक्री पर 1% की दर से स्रोत पर कर संग्रह (TCS) अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम सरकार की ओर से लग्जरी खर्चों पर निगरानी बढ़ाने और वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है।
जुलाई 2024 के बजट में हुआ था प्रावधान
यह प्रावधान वित्त अधिनियम 2024 के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया था, जो जुलाई 2024 के बजट का हिस्सा था। इसका उद्देश्य महंगी वस्तुओं की खरीद को कर दायरे में लाना और ऐसे लेन-देन पर कर चोरी की संभावना को कम करना है।
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किन वस्तुओं पर लगेगा TCS?
इस नए नियम के अंतर्गत जिन वस्तुओं पर 1% TCS लगेगा, वे निम्नलिखित हैं:
महंगी कलाई घड़ियां
प्राचीन वस्तुएं, जैसे पेंटिंग्स, मूर्तियां और कलाकृतियां
संग्रहणीय वस्तुएं जैसे दुर्लभ सिक्के और डाक टिकट
नौकाएं, याच, डोंगियां और हेलीकॉप्टर जैसी विलासिता की सवारी
डिजाइनर हैंडबैग, ब्रांडेड जूते और उच्च गुणवत्ता वाला धूप का चश्मा
खेल-कूद के उपकरण और स्पोर्ट्सवियर जैसे गोल्फ या स्कीवियर
आधुनिक होम थिएटर सिस्टम
पोलो या रेसिंग के लिए उपयोग में लाए जाने वाले घोड़े
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बिक्रीकर्ता को निभानी होगी ज़िम्मेदारी
इस टैक्स का संग्रहण बिक्रीकर्ता द्वारा किया जाएगा। यानी यदि कोई उपभोक्ता इन वस्तुओं की ₹10 लाख से अधिक कीमत पर खरीद करता है, तो उसे 1% अतिरिक्त TCS देना होगा, जिसे विक्रेता सरकार को जमा करेगा।
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ग्राहकों पर इसका प्रभाव
हालांकि TCS सीधे कर बोझ नहीं बढ़ाता क्योंकि यह आयकर दाखिल करते समय एडजस्ट किया जा सकता है, लेकिन इससे ग्राहकों पर अतिरिक्त दस्तावेजों और लेन-देन के रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। खासतौर पर उच्च मूल्य की खरीदारी करने वालों को अब पहले से अधिक सतर्क रहना होगा।
सरकार की निगरानी नीति को मिलेगा बल
सरकार का यह निर्णय उच्च-मूल्य की खरीदारी पर नजर रखने की नीति का विस्तार है। इसका मुख्य उद्देश्य है यह सुनिश्चित करना कि महंगी वस्तुओं की बिक्री पारदर्शी रूप से दर्ज हो और इससे कर प्रणाली में सुधार हो सके। साथ ही, यह उन लोगों को भी चिह्नित करने में मदद करेगा जो अपने वास्तविक खर्च को छिपाते हैं।
यह नया TCS नियम सरकार के उस दृष्टिकोण को मजबूत करता है, जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और कर न्याय का पालन अनिवार्य माना गया है। आने वाले समय में, यह नीति न केवल राजस्व संग्रह को बढ़ावा देगी बल्कि कर अनुपालन को भी बेहतर बनाएगी।
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