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असम की 11 विपक्षी पार्टियां मिलकर करेंगी बीजेपी का सामना !

Assam Political News: लगता है समय ने पलटी मार दी है। समय बदलता है मिजाज भी बदलते हैं और फिर सामाजिक समीकरण के साथ ही राजनीति भी पलटने लगती है। असम में लगातार दो बार से बीजेपी की सरकार है। कांग्रेस से हिमंत बिस्व सरमा वहां बीजेपी के नायक है। पूर्वोत्तर की बीजेपी उन्ही के इशारों पर चलती है। एक समय था जब सूबे की पूरी राजनीति बीजेपी के पास घूमती थी लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। देश खिलाफ जो माहौल बन रहा है इसका असर असम में भी दिख रहा है।


अगले लोकसभा चुनाव में क्या कुछ होगा इसकी कल्पना ह क जा सकती है। कोई घोषणा तो नहीं की जा सकती। अगर जनता का मिजाज ऐसे ही बदला रहा तो असम में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है। भीतर से बीजेपी के लोग भी मान रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में जहाँ बीजेपी का कांग्रेस से मुकाबला होना है ,इस बार बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है। लेकिन बीजेपी की परेशानी कांग्रेस से ज्यादा उन दलों से हो गई है जिनका अलग अलग इलाकों में जातीय जनाधार हैं और मौजूदा सरकार से वे काफी खफा हैं। बीजेपी आगे क्या कुछ करेगी यह देखना होगा लेकिन हालिया सच तो यही है कि 11 पार्टियों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि वे सामूहिक रूप से बीजेपी का मुकाबला करेंगे और हर क्षेत्र में उन्हें हरा देंगे।
खबर के मुताबिक 11 दलों ने एक साझा रणनीति की तैयारी की है।

इन दलों की बैठक मंगलवार को तेजपुर में हुई। इस बैठक से केवल बदरुद्दीन की पार्टी को अलग रखा गया है। क्योंकि बदरुद्दीन अजमल की पार्टी विपक्षी एकता के साथ है। बैठक के बाद असम जातीय परिषद् के प्रमुख लूरिन ज्योति गोगई ने कहा है कि उनकी बैठक सार्थक और फलदायी रही। हमने 2021 के चुनाव में भी सभी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की थी लेकिन कुछ कारणों से संभव नहीं हो सका था। इस बार हमने जल्दी इसकी तैयारी कर दी है। उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में हम संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करेंगे और बीजेपी को रोकेंगे।
एक सवाल के जवाब में गोगई ने कहा कि अजमल की राजनीति साम्प्रदायिक है और वह बीजेपी के लिए ह काम करती है। वैसे भी अजमल की पार्टी आगे क्या करेगी कौन जनता है। शायद वह विपक्षी एकता के साथ है या फिर अकेले लड़ती है देखना होगा। शिवसागर के विधायक अखिल गोगई ने कहा है कि देश के संविधान को बचाने के लिए यह एकता जरुरी है।

अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना जरुरी है।

अगर बीजेपी नहीं हारती है तो संविधान और भी कमजोर हो जायेगा और हम ऐसा नहीं चाहते। हम आम आदमी पार्टी को भी इसमें आमंत्रित करेंगे। गोगई ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य केवल अगला लोकसभा चुनाव है। अगले विधान सभा चुनाव तक यह गठबंधन जारी रहेगा। उधर असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा है कि एकजुट विपक्ष नहीं चाहता कि अजमल की पार्टी उनके पाले में आये। उन्होंने यह भी कहा कि हमने अपने फैसले से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया है। अजमल को विपक्ष का मनोबल ख़राब नहीं करने दिया जायेगा। सीटों को लेकर हम एक उचित फार्मूला निकाल रहे हैं ताकि किसी को भी कोई असुविधा नहीं हो।

लेकिन मुख्य फोकस चुनाव जीतने पर ही रहेगा।
जाहिर है यह सब कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पहली रणनीति है। ऐसे में आगे और भी क्या होता है इसे देखना होगा। अगर ये सभी दल आपस में मल जाते हैं तो निश्चित तौर पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ेगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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