14 Year Miracle: वैभव सूर्यवंशी ने टी-20 में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, बिहार का बेटा बना क्रिकेट का सितारा!
14 Year Miracle: क्रिकेट की दुनिया में भारत ने हमेशा से ही युवा टैलेंट को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन जब कोई खिलाड़ी मात्र 14 साल की उम्र में ऐसा इतिहास रच दे, जो आज तक किसी ने न किया हो, तो वह क्षण वाकई गौरवपूर्ण होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है
14 Year Miracle: क्रिकेट की दुनिया में भारत ने हमेशा से ही युवा टैलेंट को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन जब कोई खिलाड़ी मात्र 14 साल की उम्र में ऐसा इतिहास रच दे, जो आज तक किसी ने न किया हो, तो वह क्षण वाकई गौरवपूर्ण होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बिहार के लाल वैभव सूर्यवंशी ने। मात्र 14 वर्ष की आयु में उन्होंने टी-20 क्रिकेट में एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है जिसने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया है।
कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?
वैभव सूर्यवंशी बिहार के एक छोटे से कस्बे से आने वाले एक युवा क्रिकेटर हैं। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बचपन से ही था। उन्होंने 8 साल की उम्र से ही बल्ला पकड़ लिया था और तभी से उन्होंने अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाए। स्थानीय टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने कोच और चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया।
वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि
हाल ही में एक प्रतिष्ठित टी-20 टूर्नामेंट में वैभव ने एक पारी में 212 रन ठोक कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला। यह किसी भी टी-20 फॉर्मेट में सबसे कम उम्र में बनाए गए सर्वाधिक व्यक्तिगत रन हैं। इस पारी में उन्होंने मात्र 65 गेंदों में ये रन बनाए जिसमें 24 चौके और 14 छक्के शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट 320 से भी अधिक रहा, जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं
वैभव के इस प्रदर्शन ने सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स तक को हैरान कर दिया है। पूर्व भारतीय खिलाड़ी और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि भारत को अगला सुपरस्टार मिल गया है। कई दिग्गजों ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी और भविष्य में भारत की सीनियर टीम का हिस्सा बनने की शुभकामनाएं दीं।
चुनौतियों से भरा सफर
वैभव का यह सफर आसान नहीं था। सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके पिता एक शिक्षक हैं और मां गृहिणी। परिवार ने हर संभव प्रयास किया कि वैभव की प्रतिभा को दबने न दिया जाए। उन्होंने दिन-रात मेहनत की, स्थानीय कोचिंग से लेकर नेट्स तक घंटों अभ्यास किया।
भविष्य की योजनाएं
अपने इस रिकॉर्ड के बाद वैभव अब अंडर-19 टीम में जगह बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य है भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना और देश का नाम रोशन करना। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं विराट कोहली और रोहित शर्मा से प्रेरणा लेता हूं और एक दिन उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना चाहता हूं।”
वैभव सूर्यवंशी की यह कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि जुनून, संघर्ष और समर्पण की भी कहानी है। बिहार जैसे राज्य से निकलकर अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाना इस बात का प्रमाण है कि टैलेंट को बस एक मौका चाहिए। अगर सही दिशा, समर्थन और मेहनत मिले, तो कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है।
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