Ajmer fruit traders protest: पाकिस्तान को समर्थन देने पर तुर्की के फल बहिष्कार पर अड़े अजमेर के व्यापारियों
अजमेर के फल व्यापारियों ने तुर्की के पाकिस्तान समर्थन के विरोध में उसके फलों का बहिष्कार किया है। व्यापारियों ने देशहित को प्राथमिकता देते हुए तुर्की से फल आयात बंद करने का निर्णय लिया। इस निर्णय को सामाजिक संगठनों और नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है।
Ajmer fruit traders protest: भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर तुर्की द्वारा बार-बार पाकिस्तान के पक्ष में दिए गए बयानों के विरोध में अब इसका असर स्थानीय बाजारों में भी दिखाई देने लगा है। अजमेर के फल व्यापारियों ने तुर्की से आयातित फलों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह फैसला देशभक्ति और तुर्की के रुख के प्रति विरोध दर्ज कराने के रूप में लिया गया है।
फल मंडी से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि तुर्की लगातार भारत विरोधी रुख अपनाए हुए है और हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है। इस कारण व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेब, चेरी, कीवी जैसे फलों की खरीद और बिक्री को बंद करने का निर्णय लिया है।
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देशहित में लिया गया निर्णय
अजमेर फल विक्रेता संघ ने एक बैठक कर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि अब मंडी में तुर्की से आने वाले किसी भी फल को न तो मंगाया जाएगा और न ही बेचा जाएगा। व्यापारियों ने इसे देशहित में लिया गया कदम बताया है। उनका कहना है कि तुर्की जैसे देश, जो भारत की संप्रभुता और आंतरिक मामलों में दखल देते हैं, उनके उत्पादों का बहिष्कार कर एक सशक्त संदेश देना जरूरी है।
फल व्यापारियों ने दिखाया एकजुटता का परिचय
अजमेर की प्रमुख फल मंडी में कार्यरत सैकड़ों व्यापारियों ने इस फैसले पर एकजुटता दिखाई। मंडी अध्यक्ष रमेश चौधरी ने कहा, “हमने निर्णय लिया है कि जब तक तुर्की भारत के खिलाफ बोलना बंद नहीं करता, हम उसके उत्पादों का बहिष्कार करते रहेंगे। हमारी प्राथमिकता देश है, मुनाफा नहीं।”
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सामाजिक संगठनों से भी मिल रहा समर्थन
इस बहिष्कार अभियान को न केवल व्यापारियों का समर्थन मिला है, बल्कि कई सामाजिक संगठनों ने भी इसकी सराहना की है। स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि जो देश भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, उनके उत्पादों को खरीदना देश के साथ धोखा है। लोगों ने यह भी अपील की है कि केवल फल ही नहीं, बल्कि अन्य तुर्की उत्पादों का भी बहिष्कार किया जाना चाहिए।
तुर्की का पाकिस्तान प्रेम
उल्लेखनीय है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान ने संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने पर भी भारत की आलोचना की थी, जिसे भारत ने आंतरिक मामला बताया था। ऐसे में तुर्की के इस व्यवहार को लेकर देशभर में नाराजगी देखी जा रही है।
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आयात प्रभावित, विकल्प की तलाश में व्यापारी
अजमेर के व्यापारी अब तुर्की के फलों की जगह अन्य देशों जैसे ईरान, अफगानिस्तान और भारत के ही उत्तरी राज्यों से फल मंगवाने की तैयारी में हैं। व्यापारियों का कहना है कि इससे बाजार में आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी और ग्राहकों को भी विकल्प मिलते रहेंगे।
अजमेर के फल व्यापारियों का यह कदम न केवल एक आर्थिक बहिष्कार है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय चेतना का भी प्रतीक है। जब कोई देश भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन देता है, तो आम जनता और व्यापारी वर्ग का यह विरोध स्वाभाविक है। यह बहिष्कार अभियान एक उदाहरण बन सकता है, जो अन्य राज्यों और शहरों के व्यापारियों को भी प्रेरित करेगा कि देशहित में व्यापार से ऊपर उठकर निर्णय लिया जाए।
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