Tender Digitization: स्थानीय ठेकेदारों के लिए बड़ी राहत, अब 10 करोड़ तक के कार्य मिलेंगे
उत्तराखंड सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब प्रतिभागियों को अर्जेंट मनी मैन्युअल रूप से जमा नहीं करनी होगी, बल्कि ईबीजी (इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी) की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, प्रोक्योरमेंट से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए आईएफएमएस पोर्टल पर नई ग्रिवेंस रिड्रेसल यूटिलिटी भी शुरू की जाएगी।
Tender Digitization: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के स्थानीय ठेकेदारों को बड़ी राहत देते हुए प्रोक्योरमेंट नियमावली में अहम संशोधन किया है। अब स्थानीय ठेकेदारों को 10 करोड़ रुपये तक के विभागीय कार्यों का अवसर मिल सकेगा। पहले यह सीमा 5 करोड़ रुपये तक सीमित थी। धामी सरकार के इस निर्णय को राज्य में स्थानीय रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
प्रोक्योरमेंट नियमों में बड़ा बदलाव
राज्य सरकार ने 28 मई को आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली, 2024 को स्वीकृति दी। इस संशोधित नियमावली के अनुसार, अब राज्य के सभी विभाग 10 करोड़ रुपये तक के कार्य स्थानीय ठेकेदारों या पंजीकृत स्थानीय फर्मों को दे सकेंगे। यह बदलाव विशेष रूप से उत्तराखंड की भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिससे राज्य के ठेकेदारों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने का अवसर मिलेगा।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
2017 में लागू हुई थी पहली नियमावली
गौरतलब है कि उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली सबसे पहले वर्ष 2017 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में निर्माण, सामग्री, सेवाएं और लोक-निजी सहभागिता परियोजनाओं में पारदर्शिता और सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करना था। केंद्र सरकार ने भी इसी दिशा में ‘सामान्य वित्तीय नियम-2017’ में समय-समय पर संशोधन किए हैं।
स्थानीय उद्यमों और MSME को मिलेगा बढ़ावा
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहित करने के लिए खरीद प्राथमिकता नीति को भी मंजूरी दे दी है। अब सरकारी विभागों में निविदा प्रक्रिया के तहत इन समूहों और एमएसएमई को न्यूनतम दर से 10 प्रतिशत अधिक दर तक कार्य दिए जा सकेंगे, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
अब तक स्वयं सहायता समूहों को केवल 5 लाख रुपये तक के कार्य दिए जाते थे, लेकिन नए नियमों के तहत ये सीमा और प्राथमिकता दोनों को बढ़ाया गया है। इससे महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को नई ऊर्जा और आर्थिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
ईबीजी और ग्रीवांस रिड्रेसल पोर्टल की सुविधा
सरकार ने निविदा (टेंडर) प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम सुधार किया है। अब टेंडर में भाग लेने वाले आवेदकों को अर्जेंट मनी (बैंक गारंटी) जमा करने के लिए कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (ईबीजी) की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही, प्रोक्योरमेंट से जुड़ी शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए आईएफएमएस पोर्टल पर एक विशेष शिकायत निवारण प्रणाली भी सक्रिय की जाएगी।
READ MORE: क्रौंच पर्वत तीर्थ से बदरीनाथ धाम तक निकली भगवान कार्तिक स्वामी की ऐतिहासिक यात्रा
मुख्यमंत्री का बयान: स्थानीय विकास को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य समग्र विकास के साथ आमजन के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। उन्होंने कहा, “सरकार स्थानीय उत्पादों, स्वयं सहायता समूहों, एमएसएमई और स्थानीय उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि ये नीतिगत परिवर्तन राज्य के आर्थिक ढांचे को मजबूती देंगे और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय न केवल स्थानीय ठेकेदारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के इन प्रयासों से राज्य में निर्माण कार्यों की गति भी बढ़ेगी और युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा Aopp डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV