Rajasthan Patrika Amrutam Jalam Abhiyan: रामगढ़ के जल संरक्षण में नई चेतना: सीएम भजनलाल ने की ‘अमृतं जलम्’ अभियान की सराहना
राजस्थान – ऐतिहासिक विरासत और जल संरक्षण के अद्भुत संगम का साक्षी बना रामगढ़, जहां आयोजित हुआ रामगढ़ जीर्णोद्धार समारोह। इस विशेष अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यक्रम में शिरकत कर 'पत्रिका' द्वारा चलाए जा रहे अमृतं जलम् अभियान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
Rajasthan Patrika Amrutam Jalam Abhiyan: राजस्थान – ऐतिहासिक विरासत और जल संरक्षण के अद्भुत संगम का साक्षी बना रामगढ़, जहां आयोजित हुआ रामगढ़ जीर्णोद्धार समारोह। इस विशेष अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यक्रम में शिरकत कर ‘पत्रिका’ द्वारा चलाए जा रहे अमृतं जलम् अभियान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “रामगढ़ जैसे ऐतिहासिक स्थल का पुनरुद्धार केवल एक संरचना का संरक्षण नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने जैसा है। पत्रिका का ‘अमृतं जलम्’ अभियान एक अनुकरणीय पहल है, जिसने देश भर में जल स्रोतों की सुध ली है। मैं विशेष रूप से श्री गुलाब कोठारी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिनकी दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता ने इस कार्य को आंदोलन का रूप दिया है।”
कार्यक्रम में मौजूद जनसमूह ने तालियों की गूंज से सीएम के विचारों का समर्थन किया। इस अभियान के अंतर्गत देशभर के हजारों जलस्रोतों को पुनर्जीवित किया गया है, जिनमें रामगढ़ तालाब का भी विशेष स्थान है। यह तालाब न केवल जल संकट से निपटने में मददगार साबित होगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।
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समारोह की प्रमुख झलकियाँ:
पारंपरिक लोक संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
जल संरक्षण पर आधारित प्रदर्शनी
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अनुभव साझा करना
‘पत्रिका’ की टीम को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित करना
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण और विरासत संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस मुहिम में भागीदार बनें और जल को देवता की तरह पूजें।
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रामगढ़ का पुनरुद्धार – एक नई शुरुआत
रामगढ़ केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि राजस्थान की परंपरा, संस्कार और जल संस्कृति का प्रतीक है। ‘अमृतं जलम्’ जैसे अभियान यह सिद्ध करते हैं कि जब मीडिया जनहित के लिए संकल्पबद्ध होता है, तो वह समाज में स्थायी परिवर्तन ला सकता है।
यह समारोह न केवल जल संरक्षण का उत्सव था, बल्कि एक जन-जागरण का अवसर भी, जिसने सभी को यह सोचने पर विवश किया – अगर आज जल बचाया गया, तभी कल सुरक्षित होगा।
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