PhD Admissions: एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में पीएचडी सत्र नियमित करने की कवायद तेज, जल्द पूरी होगी प्रवेश प्रक्रिया
एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय पीएचडी सत्रों की देरी को दूर करने के लिए सत्र 2024-25 की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में जुटा है। छात्र संघ अगली प्रवेश प्रक्रिया को शीघ्र कराने की मांग कर रहा है। प्रशासन ने जुलाई में परिणाम और जल्द ही नए सत्र की शुरुआत का भरोसा दिलाया है।
PhD Admissions: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचएनबी जीयू) अपने पीएचडी कार्यक्रम को समयबद्ध और नियमित बनाने की दिशा में तेजी से प्रयासरत है। बीते वर्षों में पीएचडी सत्रों में आई अनियमितताओं के कारण छात्र लगातार असमंजस की स्थिति में थे, जिसे दूर करने के लिए अब विश्वविद्यालय प्रशासन ठोस कदम उठा रहा है।
सत्र 2024-25 के लिए आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा 24 मई 2025 को सम्पन्न हो चुकी है और अब इसके परिणाम की घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है। छात्रों का कहना है कि यदि यह प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाती है तो न केवल उनका शैक्षणिक समय बचेगा, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक साख भी बनी रहेगी।
पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन
24 मई को विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों को अब उसके परिणाम का इंतजार है। कुछ छात्रों ने यह चिंता भी जताई कि पीजी अंतिम सेमेस्टर के कई छात्र प्रवेश के समय अर्ह नहीं थे, क्योंकि उनके सत्र में देरी हुई थी। इससे वे पीएचडी प्रवेश से वंचित हो गए।
छात्र संघ की मांगें और सक्रियता
छात्र संघ अध्यक्ष जसवंत सिंह राणा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि केवल सत्र 2024-25 की प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि अगले सत्र 2025-26 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा भी समय पर आयोजित की जाए। उनका कहना है कि सत्र नियमित नहीं होने से छात्रों को करियर में नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को चाहिए कि वह समयबद्ध तरीके से पूरा शैक्षणिक कैलेंडर जारी करे ताकि भविष्य में ऐसे हालात से बचा जा सके। राणा ने स्पष्ट किया कि छात्र संघ इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगा और छात्रों के हित में हर जरूरी कदम उठाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
पीएचडी प्रवेश समन्वयक डॉ. प्रीतम सिंह नेगी ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय प्रशासन पीएचडी कार्यक्रम को समय से संचालित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा का परिणाम जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा, और उसी महीने में सत्र 2024-25 की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे ही सत्र 2024-25 की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होगी, उसके तुरंत बाद सत्र 2025-26 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया की तैयारियां आरंभ कर दी जाएंगी। डॉ. नेगी के अनुसार, विश्वविद्यालय की कोशिश है कि आने वाले वर्षों में सत्र समय पर संचालित हों, ताकि शोधार्थियों को निर्धारित समय में रिसर्च कार्य आरंभ करने का अवसर मिल सके और किसी भी प्रकार की देरी से बचा जा सके।
शोध गुणवत्ता पर असर
पीएचडी सत्र में देरी का प्रभाव न केवल छात्रों की डिग्री पर पड़ता है, बल्कि शोध की गुणवत्ता भी इससे प्रभावित होती है। जब सत्र निर्धारित समय पर नहीं होते, तो छात्रों को गाइड आवंटन, शोध प्रस्ताव सबमिशन और अन्य प्रक्रियाओं में देरी का सामना करना पड़ता है। इससे शैक्षणिक प्रगति रुक जाती है और छात्र मानसिक तनाव का शिकार होते हैं।
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आगे की राह
यदि विश्वविद्यालय प्रशासन जुलाई माह में सत्र 2024-25 की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूर्ण कर लेता है और शीघ्र ही आगामी सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करता है, , तो इससे आने वाले वर्षों में सत्र नियमित हो सकते हैं। इससे न केवल छात्रों को राहत मिलेगी, बल्कि शोध के क्षेत्र में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
अंततः यह कहा जा सकता है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी सत्रों की नियमितता सुनिश्चित करने की दिशा में जो पहल की जा रही है, वह छात्रों और शिक्षा व्यवस्था दोनों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
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