Iran-Israel War: ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच अमेरिका का हमला, भारत में रसोई गैस संकट की आशंका बढ़ी
रविवार को वेस्ट एशिया में तनाव और गहरा गया जब अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और एस्फाहान – पर मिसाइल से हमला किया। यह हमला ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ गई है। इसके प्रभाव विश्व स्तर पर महसूस किए जा रहे हैं, खासतौर पर कच्चे तेल और रसोई गैस (LPG) की कीमतों में भारी उछाल के रूप में।
Iran-Israel War: रविवार को वेस्ट एशिया में तनाव और गहरा गया जब अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और एस्फाहान – पर मिसाइल से हमला किया। यह हमला ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ गई है। इसके प्रभाव विश्व स्तर पर महसूस किए जा रहे हैं, खासतौर पर कच्चे तेल और रसोई गैस (LPG) की कीमतों में भारी उछाल के रूप में।
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भारत पर सबसे ज्यादा असर, आम जनता को झटका
भारत की रसोई गैस आपूर्ति का लगभग 66 प्रतिशत हिस्सा विदेशों, विशेषकर पश्चिम एशिया से आता है। भारत में उपयोग किए जाने वाले तीन में से दो LPG सिलेंडर पश्चिम एशिया से आयात किए जाते हैं। अगर इस क्षेत्र में तनाव और गहराता है और आपूर्ति रुकती है, तो इसका सीधा असर भारत के करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
उज्ज्वला योजना से LPG की मांग दोगुनी
उज्ज्वला योजना के तहत भारत में 33 करोड़ परिवारों को LPG कनेक्शन दिए गए हैं, जिससे पिछले एक दशक में LPG की मांग दोगुनी हो गई है। इसके चलते भारत की विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता भी बढ़ी है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी LPG जरूरतों का 95% हिस्सा सऊदी अरब, UAE और कतर से आयात करता है।
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सिर्फ 16 दिन का स्टॉक, फिर संकट
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के पास केवल 16 दिन की औसत खपत के बराबर LPG स्टोरेज क्षमता है। यदि सप्लाई पूरी तरह ठप हो जाती है, तो देश की रसोई गैस जरूरतें महज़ दो हफ्तों तक ही पूरी की जा सकेंगी। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में संकट खड़ा हो सकता है।
पेट्रोल-डीजल की स्थिति फिलहाल सामान्य
जहां एक ओर LPG की स्थिति गंभीर हो सकती है, वहीं पेट्रोल और डीजल को लेकर अभी कोई संकट नहीं है। भारत अपनी जरूरत का अधिकांश पेट्रोल और डीजल खुद तैयार करता है और कुछ हिस्सा विदेशों में निर्यात भी करता है। जरूरत पड़ने पर इनका एक्सपोर्ट रोककर घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
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बिजली ही बचा एकमात्र विकल्प
देश के कई हिस्सों में केरोसिन की सप्लाई पहले ही बंद हो चुकी है। यदि LPG की आपूर्ति बाधित होती है, तो खासकर शहरी क्षेत्रों में बिजली से खाना पकाना ही एकमात्र विकल्प रह जाएगा।
ईरान-अमेरिका टकराव और उसके नतीजे भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। अगर तनाव लंबा चलता है, तो LPG की उपलब्धता और कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा, जिससे आम जनता की रसोई पर सीधा असर महसूस होगा।
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