Road Accident: रुद्रप्रयाग में मिनी बस हादसे ने मचाई सनसनी, हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
रुद्रप्रयाग के घोलतीर में बदरीनाथ हाईवे पर दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें कई लोगों की जान गई। यह हादसा हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था और डेंजर जोन में लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं और सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।
Road Accident: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। गुरुवार सुबह घोलतीर क्षेत्र में एक मिनी बस के खाई में गिरने से कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि प्रदेश भर को गहरे शोक में डुबो दिया है।
डेंजर जोन में हुआ हादसा
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हादसे के लिए जिम्मेदार विभागों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बदरी-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण और पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि घोलतीर क्षेत्र डेंजर जोन में आता है। यहां लगातार भूस्खलन होता रहता है, फिर भी राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए। राजमार्ग किनारे बनाए गए पैराफिट की गुणवत्ता भी संदेह के घेरे में है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाती, तो यह हादसा टल सकता था।
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वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने हादसे के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच में वाहन चालक की लापरवाही और संभावित तकनीकी खराबी को दुर्घटना का कारण माना गया है। इसी आधार पर कोतवाली रुद्रप्रयाग में भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 (दूसरों के जीवन को खतरे में डालना), धारा 106 (लापरवाही से मृत्यु कारित करना) और धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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मुख्यमंत्री धामी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही उन्होंने प्रशासन एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिए हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाले सार्वजनिक वाहनों की नियमित जांच की जाए। खतरनाक मोड़ों, ढलानों और डेंजर जोन में चेतावनी संकेतक, सुरक्षा रेलिंग और पैराफिट की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
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सुरक्षा में कोताही अब बर्दाश्त नहीं
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। जब तक सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। अब जरूरत है, सिर्फ जांच की नहीं बल्कि जिम्मेदारियों के ठोस निर्धारण और कड़े कार्रवाई की।
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