Meerut medical college news: बड़ा मेडिकल घोटाला, बड़ा फैसला! डॉ. सरोजिनी अग्रवाल मेडिकल कॉलेज में नहीं बढ़ेंगी सीटें
NMC ने देश में चिकित्सा शिक्षा की गिरती साख को बचाने के लिए एक ऐतिहासिक और कड़ा कदम उठाया है। 2025-26 सत्र के लिए नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी देने, मौजूदा कॉलेजों में सीटें बढ़ाने और उनके नवीनीकरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
Meerut medical college news: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने देश में चिकित्सा शिक्षा की गिरती साख को बचाने के लिए एक ऐतिहासिक और कड़ा कदम उठाया है। 2025-26 सत्र के लिए नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी देने, मौजूदा कॉलेजों में सीटें बढ़ाने और उनके नवीनीकरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह फैसला ‘NMC निरीक्षण रिश्वत कांड’ के बाद आया है, जिसने देश की मेडिकल शिक्षा प्रणाली को भीतर तक हिला कर रख दिया है।
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CBI की जांच ने खोले भ्रष्टाचार के काले राज!
हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने देश भर में बड़े पैमाने पर छापे मारे और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में सामने आया है कि रिश्वत लेकर धड़ल्ले से मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी जा रही थी। जिन कॉलेजों के पास बुनियादी ढांचा, पर्याप्त फैकल्टी और मरीजों के लिए सुविधाएं तक नहीं थीं, उन्हें भी मोटी रकम के बदले मान्यता दे दी गई।
क्या-क्या सामने आया है CBI जांच में?
- 40 मेडिकल कॉलेजों पर CBI के ताबड़तोड़ छापे: देश के अलग-अलग हिस्सों में CBI ने एक साथ कई कॉलेजों पर शिकंजा कसा।
- 34 आरोपी गिरफ्त में: इस बड़े घोटाले में स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC के कई आला अधिकारी, निरीक्षण टीम के डॉक्टर और निजी मेडिकल कॉलेजों के बड़े नाम शामिल हैं।
- रिश्वत का ‘हवाला’ नेटवर्क: जांच में खुलासा हुआ है कि रिश्वत की रकम हवाला के जरिए भेजी जाती थी। फर्जी फैकल्टी, बायोमेट्रिक में हेराफेरी और काल्पनिक मरीजों के नाम पर झूठी रिपोर्टे तैयार की जाती थीं।
- मेरठ में भी बड़ा खुलासा: मेरठ स्थित डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के NCR इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगे हैं। उनकी बेटी, डॉ. शिवानी अग्रवाल पर 50 एमबीबीएस सीटें बढ़वाने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने का आरोप है और सीबीआई ने उन सहित 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
NMC का यह फैसला, क्या स्थायी सुधार लाएगा?
इस फैसले को चिकित्सा शिक्षा में पारदर्शिता और ईमानदारी बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, यह सवाल अभी भी बाकी है कि क्या यह रोक सिर्फ एक दिखावा बनकर रह जाएगी या फिर यह वाकई देश की चिकित्सा शिक्षा को भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकालेगी?
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यह देखना दिलचस्प होगा कि NMC और सरकार इस बड़े कदम के बाद कैसे आगे बढ़ते हैं और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी। फिलहाल, इस फैसले ने उन सभी मेडिकल कॉलेजों पर गहरी चोट की है, जो शॉर्टकट से आगे बढ़ना चाहते थे।
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