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Rajasthan scam: आरजीएचएस योजना में बड़ा घोटाला उजागर, खांसी की जगह कैंसर की दवा, 11 डॉक्टरों को भेजा गया नोटिस

राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त इलाज देने के लिए शुरू की गई आरजीएचएस (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) अब बड़े भ्रष्टाचार का अड्डा बनती जा रही है। अलवर जिले से एक बार फिर इस योजना में करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें मरीजों को उनकी बीमारी से मेल न खाने वाली महंगी और गंभीर बीमारियों की दवाएं दी गई।

Rajasthan scam: राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त इलाज देने के लिए शुरू की गई आरजीएचएस (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) अब बड़े भ्रष्टाचार का अड्डा बनती जा रही है। अलवर जिले से एक बार फिर इस योजना में करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें मरीजों को उनकी बीमारी से मेल न खाने वाली महंगी और गंभीर बीमारियों की दवाएं दी गईं। यह घोटाला डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स की मिलीभगत का नतीजा माना जा रहा है।

जांच में पता चला है कि कुछ डॉक्टरों ने सामान्य बीमारियों के मरीजों को कैंसर, हार्ट, किडनी और लीवर जैसी बीमारियों की महंगी दवाएं लिखीं। वहीं, झूठे टेस्ट करवा कर लैब और मेडिकल स्टोर संचालकों को फायदा पहुंचाया गया, बदले में मोटा कमीशन लिया गया। अब जिला प्रशासन हरकत में आया है और जांच शुरू कर दी गई है।

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11 डॉक्टरों को थमाया गया नोटिस

अलवर जिले के राजगढ़ स्थित सरकारी अस्पताल के 11 डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टरों ने महिलाओं को झूठी बांझपन की दवाएं और सामान्य खांसी-जुकाम के मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की महंगी दवाएं लिखीं। यह सब आरजीएचएस योजना के तहत किया गया ताकि मेडिकल स्टोर और लैब संचालकों को आर्थिक लाभ मिल सके।

बिना जरूरत करवाए गए महंगे टेस्ट

जांच में यह भी सामने आया कि मरीजों को बिना वजह सीटी स्कैन, एमआरआई, ब्लड टेस्ट जैसी महंगी जांचें करवाई गई। इन जांचों का कोई मेडिकल आधार नहीं था। इनसे सीधे तौर पर लैब संचालकों को फायदा हुआ और डॉक्टरों को कमीशन मिला।

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मेडिकल स्टोर की भी मिलीभगत

स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि इस घोटाले में कई मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल हैं। डॉक्टरों से सांठगांठ कर ये स्टोर मरीजों को न केवल महंगी दवाएं देते थे बल्कि फर्जी बिलिंग भी करते थे, जिससे सरकारी खजाने पर सीधा असर पड़ा।

CMHO का बयान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. योगेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले की जांच जारी है। ड्रग विभाग मेडिकल स्टोर्स की जांच कर रहा है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों को केवल आवश्यकता के अनुसार दवाएं और जांचें लिखी जाएं।

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100 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला!

जानकारी के अनुसार, इस पूरे मामले में राज्यभर में अब तक करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का अंदेशा है। पहले भी आरजीएचएस योजना में गड़बड़ियों की खबरें आई थीं, लेकिन इस बार का खुलासा बड़ा और चौंकाने वाला है।

आगे क्या?

स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में योजना के तहत किए जा रहे इलाज और दवाइयों की जांच करें। साथ ही डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर आगे से बिना जरूरत के दवाइयां या जांच लिखी गईं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की सिफारिश की जाएगी।

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Diksha Parmar

मैं पिछले तीन वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरें लिखने में मेरी खास रुचि है। साथ ही, मुझे रिसर्च-आधारित कहानियां तैयार करना भी बेहद पसंद है।

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