मुबंई: शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यहां शिवसेना भवन में आयोजित हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा कि हमें अपनों ने ही धोखा दिया है। उनका इशारा शिंदे गुट के बागी विधायकों की ओर था। उन्होने कि पार्टी में गद्दारों के लिए कोई जगह नहीं है। शिवसेना बागियों को बाला साहब ठाकरे और पार्टी का नाम इस्तेमाल नहीं करने देंगे। उन्होने यह भी कहा कि शिवसेना के नाम का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ वे चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।
उधर शिंदे गुट के प्रवक्ता विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि उनके साथ शिंदे गुट के किसी विधायक ने शिवसेना नहीं छोड़ी है और वे सब शिवसेना के सदस्य होने के साथ ही असली शिवसेना हैं। उन्होने कहा कि हमारे नेता एकनाथ शिंदे हैं। हमें उद्धव ठाकरे से बात करने से गुरेज नहीं लेकिन अब इस गुट के विधायको को एनसीपी-कांग्रेस का साथ मंजूर नही।
शिंदे गुट की ओर दीपक केसरकर ने पत्रकारों को बताया कि हमारे पास दो तिहाई बहुमत है और हम पर अयोग्य होने की कार्रवाई नहीं की जा सकती, इसके बावजूद हमें दल-बदल कानून के नाम पर डराने धमकाने की कोशिश की जा रही है। उन्होने यह बात महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिस्वाल द्वारा 16 विधायको को जारी किये गये नोटिस के संदर्भ में कही। केसरकर ने विधायको के घर-दफ्तर पर शिवसैनिकों द्वारा की गयी तोड़फोड निंदनीय कृत्य है। उन्होने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल नेता के पद से हटाना भी गलत है। शिंदे गुट ने साफ कर दिया है, कि वे तो शिवसेना छोड़ेगे और न ही अब तक सरकार में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ रहेंगे।
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एक तरफ जहां शिवसेना भवन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बागियों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाये गये, वहीं शिंदे गुट ने किसी दवाब में नहीं आ रहा है। उद्धव ठाकरे के नजदीकी सांसद संजय राउत के तेवर कभी गरम तो कभी नरम होते दिख रहे हैं। कल तक जहां वे शिंदे गुट से बात करने और उनकी बात मानने के संकेत दे रहे थे, वहीं आज उनका स्वर भी काफी आक्रामक और बदला हुआ था। शिवसैनिकों ने कई बागी विधायकों के दफ्तरों पर जो तोड़फोड की है, इसके लिए संजय राउत का शिवसैनिकों का सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने वाला बयान जिम्मेदार माना जा रहा है।