Jeshoreshwari Kali Temple: बांग्लादेश के जेशोरेश्वरी काली मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी ,पीएम मोदी द्वारा उपहार में दिया गया था बहुमूल्य मुकुट
Jeshoreshwari Kali Temple: Maa Kali's crown stolen from Jeshoreshwari Kali Temple in Bangladesh, the precious crown was gifted by PM Modi
Jeshoreshwari Kali Temple: बांग्लादेश के सतखिरा जिले के श्यामनगर में स्थित प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी काली मंदिर से मां काली का बहुमूल्य मुकुट चोरी हो गया है। यह मुकुट भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2021 में मंदिर की यात्रा के दौरान भेंट किया गया था। चोरी की इस घटना से बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों में हलचल मच गई है।
चोरों ने दिनदहाड़े चुराया मुकुट
द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह चोरी गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 2:00 से 2:30 बजे के बीच हुई। उस समय मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी पूजा खत्म करने के बाद अपने घर चले गए थे। बाद में जब सफाई कर्मचारी मंदिर में सफाई करने आए, तो उन्होंने देखा कि मां काली के सिर से मुकुट गायब था। यह मुकुट चांदी और सोने की परत से बना था और धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण था।
सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी पुलिस
चोरी के बाद से ही पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तैजुल इस्लाम ने बताया कि घटना के समय मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की गहन जांच की जा रही है ताकि चोरों की पहचान की जा सके। उन्होंने कहा, “हम जल्द से जल्द चोरों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह मुकुट हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
पीएम मोदी द्वारा उपहार में दिया गया मुकुट
यह मुकुट भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2021 में जेशोरेश्वरी काली मंदिर की यात्रा के दौरान भेंट किया गया था। यह प्रधानमंत्री मोदी की कोरोना महामारी के बाद पहली विदेशी यात्रा थी, जिसे उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया था। पीएम मोदी ने अपनी इस यात्रा का एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें उन्हें मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए दिखाया गया था।
जेशोरेश्वरी मंदिर का धार्मिक महत्व
जेशोरेश्वरी काली मंदिर हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही स्थान है जहां देवी सती की हथेलियां और पैरों के तलवे गिरे थे। इस मंदिर में देवी काली “जेशोरेश्वरी” के रूप में पूजी जाती हैं, और भगवान शिव “चंदा” के रूप में प्रकट होते हैं।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
जेशोरेश्वरी काली मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अनाड़ी नामक एक ब्राह्मण ने किया था। इसके बाद 16वीं शताब्दी में बंगाल के प्रसिद्ध राजा प्रतापदित्य ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया था। उन्होंने इस शक्तिपीठ के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया। 13वीं शताब्दी में राजा लक्ष्मण सेन द्वारा इसका जीर्णोद्धार भी किया गया था।
बांग्लादेश में बढ़ती अराजकता
बांग्लादेश में हाल के दिनों में राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता का माहौल गहराता जा रहा है, खासकर 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद। इस उथल-पुथल के बीच सांप्रदायिक तनाव और धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। जेशोरेश्वरी मंदिर से मां काली के मुकुट की चोरी को भी इसी राजनीतिक अस्थिरता और बिगड़ती कानून व्यवस्था का एक दुखद परिणाम माना जा रहा है।
धार्मिक समुदायों में रोष
इस चोरी की घटना के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश व्याप्त है। धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से इस चोरी की घटना की उच्चस्तरीय जांच और जल्द से जल्द मुकुट की वापसी की मांग की है। वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट किए गए मुकुट की चोरी को लेकर भारतीय समुदाय में भी चिंता बढ़ी है।