View of Kedarnath Dham after the closure of the gates: प्रशासन का विशेष ध्यान और सफाई अभियान से चकाचक हुआ धाम
View of Kedarnath Dham after the closure of the gates: The Dham has become sparkling clean due to the special attention of the administration and the cleaning campaign
View of Kedarnath Dham after the closure of the gates: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी में अब सन्नाटा पसर गया है, लेकिन धाम और वहां तक जाने वाले पैदल मार्ग की सफाई ने इसे फिर से चमका दिया है। बाबा केदार के भक्तों का यहां पर पूरे वर्ष तांता लगा रहा, और जैसे ही इस पावन स्थल के कपाट बंद हुए, जिला प्रशासन ने धाम में सफाई अभियान शुरू कर दिया। इस पहल से केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग दोनों ही साफ-सुथरे नजर आ रहे हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है और अगली यात्रा के लिए तैयारियां भी पूरी हो रही हैं।
इस वर्ष केदारनाथ धाम में भक्तों की भारी संख्या रही। प्रशासन के अनुसार, 2024 में करीब 16 लाख 52 हजार श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचे। विषम परिस्थितियों और पहाड़ों की चुनौतियों के बावजूद भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई। इस यात्रा में रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों की हर संभव मदद की। अधिकारियों और सुरक्षा जवानों ने अपना फर्ज निभाते हुए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत का ख्याल रखा। पैदल मार्ग पर आई आपदा के बाद भी प्रशासन ने यात्रा को सुगम बनाने का प्रयास किया। आपदा के बाद मात्र एक महीने के भीतर ही पैदल मार्ग से लेकर मुख्य राजमार्ग को दुरुस्त कर दिया गया, ताकि यात्रा में कोई बाधा न आए।
सफाई अभियान के बाद नया नजारा
धाम के कपाट बंद होने के तुरंत बाद ही जिला प्रशासन ने व्यापक सफाई अभियान शुरू कर दिया। सुलभ इंटरनेशनल के इंचार्ज धनंजय पाठक ने बताया कि डीएम डॉ. सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चलाए गए इस सफाई अभियान का उद्देश्य धाम में फैली गंदगी को साफ करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना था। अभियान के दौरान, पूरे यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ मंदिर परिसर तक फैला कूड़ा-कचरा दो दिनों के भीतर हटा दिया गया। कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी में प्रशासन ने जहां-तहां फैले कुंतलों कूड़े को हटाया, जिससे ना केवल मंदिर परिसर बल्कि पूरा मार्ग साफ-सुथरा हो गया।
प्रशासन की यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुई है। लाखों श्रद्धालुओं की यात्रा के बाद पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के उद्देश्य से इस सफाई अभियान को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया गया। धनंजय पाठक ने बताया कि कपाट बंद होते ही तुरंत यह अभियान शुरू किया गया ताकि बाबा केदार का धाम और यात्रा मार्ग प्रदूषण मुक्त रहे। पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कूड़ा-कचरा उठाने के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया था।
यात्रा के अंतिम चरण में मिले रोजगार के अवसर
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा के अंतिम चरण में भी लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले। डीएम डॉ. सौरभ गहरवार ने इस यात्रा की कमान संभालते हुए यात्रा मार्ग पर व्यवस्था और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए। यात्रा मार्ग पर व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को बढ़ती संख्या में यात्रियों से अच्छा-खासा रोजगार प्राप्त हुआ। इसने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल दिया बल्कि क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद की।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अधिक ध्यान दिया गया। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सफाई व्यवस्था के सुधार से यात्रा का अनुभव और भी बेहतर हुआ है। क्षेत्र के लोगों और प्रशासन के सहयोग से इस बार केदारनाथ यात्रा ने साफ-सफाई और पर्यावरण के प्रति नई मिसाल कायम की है।
अगले वर्ष की यात्रा के लिए तत्पर प्रशासन
सफाई अभियान की सफलता से उत्साहित जिला प्रशासन अब आगामी वर्ष के लिए तैयारियों में जुट गया है। साफ-सुथरे और व्यवस्थित केदारपुरी का नजारा देख तीर्थ यात्रियों को भी संतुष्टि का अनुभव होगा। प्रशासन ने अगले साल भी इस तरह की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प लिया है ताकि भक्तों को एक स्वस्थ और सुंदर यात्रा का अनुभव हो।
इस वर्ष का सफाई अभियान यह दिखाता है कि प्रशासन बाबा केदार के धाम की पवित्रता बनाए रखने के प्रति संकल्पित है। इस पहल से यह भी स्पष्ट होता है कि यात्रा के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा और तीर्थ स्थल की स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता पर है।