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UP Ghaziabad News: 7 साल की उम्र मे हुआ था अपहरण, 30 साल बाद लौटा घर, युवक ने खोले हैरान कर देने वाले कई राज

राजू का सितंबर 1993 में साहिबाबाद के दीनबंधु पब्लिक स्कूल से घर लौटते समय अपहरण कर लिया गया था। एक टेंपो में सवार 3 लोगों ने उसका अपहरण किया था। उस वक्त राजू की उम्र महज 7 साल थी।

UP Ghaziabad News: गाजियाबाद जिले में वर्ष 1993 में किडनैप हुआ राजू 30 साल बाद अपने परिवार को मिला। फिरौती की रकम देने में असमर्थ होने पर उसके परिवार ने उसे मजबूरन भाग्य के भरोसे छोड़ दिया था मगर 30 साल के बाद उसे सही-सलामत अपने बीच पाकर परिवार बेहद खुश है।

साहिबाबाद क्षेत्र के दिल्ली विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारी तुला राम ने गुरुवार को बताया कि उनके बेटे राजू का सितंबर 1993 में साहिबाबाद के दीनबंधु पब्लिक स्कूल से घर लौटते समय अपहरण कर लिया गया था। एक टेंपो में सवार 3 लोगों ने उसका अपहरण किया था। उस वक्त राजू की उम्र महज 7 साल थी।

कहानी पूरी फिल्मी है। 1993 में एक सात वर्षीय बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। उसे करीब तीन दशक तक बंधक बनाकर रखा गया। बदमाशों ने परिवार को पत्र लिखकर 7.40 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी, लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। अपहरणकर्ता ने उसे भेड़-बकरियाँ चराने का काम सौंपा था। वह दिन भर भेड़-बकरियाँ चराता था और शाम को उसे खेत में बने एक कमरे में बेड़ियाँ लगाकर बंद कर दिया जाता था। रात में उसे खाने के लिए रोटी और चाय दी जाती थी।

अगर कोई भेड़ या बकरी खो जाती या मर जाती, तो लड़के को पेड़ से बांध दिया जाता, कोड़े मारे जाते और उसे खाना नहीं दिया जाता। राजू कई सालों की पीड़ा के बाद आखिरकार भागने में सफल रहा। वह दिल्ली जाने वाले ट्रक में सवार होने में कामयाब रहा, हालांकि वह भूल गया था कि वह कहां रहता है और उसके माता-पिता का नाम क्या है। दिल्ली पहुंचने पर राजू ने कई पुलिस थानों का चक्कर लगाया, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। पांच दिन पहले वह गाजियाबाद के खोड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे जूते, खाना और पानी मुहैया कराया। उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए उसकी जानकारी भी साझा की। खोड़ा पुलिस ने तीन दिन में राजू के परिवार को तलाश कर लिया। राजू नोएडा का नहीं साहिबाबाद क्षेत्र के शहीद नगर का रहने वाला है। साहिबाबाद थाने में 8 सितंबर 1993 को उसके अपहरण का मुकदमा भी दर्ज है। यह मुकदमा भीम सिंह (पिता) की ओर से दर्ज करवाया गया था।

कारोबारी को आया तरस तो साथ ले आया


राजू ने दावा किया कि राजस्थान में उसके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। राजू का दावा है कि जब वह अपनी बड़ी बहन के साथ स्कूल से आ रहा था, तो एक ऑटो चालक ने उसका अपहरण कर लिया और उसे एक ट्रक चालक को सौंप दिया। ट्रक ड्राइवर उसे राजस्थान के जैसलमेर ले गया। वहां उसकी पिटाई हुई। एक सरदार व्यापारी को उस पर तरस आया और उसने उसकी कहानी पूछी।

इसके बाद वह उसे भेड़ों के साथ ट्रक में बिठाकर दिल्ली ले गया। दिल्ली पहुंचने पर व्यापारी ने उसे एक चिट्ठी के साथ गाजियाबाद बॉर्डर पर छोड़ दिया। पत्र में लिखा था कि वह नोएडा का रहने वाला है और उसका अपहरण कर लिया गया है। राजू पत्र लेकर कई थानों में गया, लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी। जब वह खोड़ा थाने पहुंचा तो अधिकारियों ने उसकी मदद की।

बेटे के गम में पिता हुए उदासीन


राजू ने अपनी दो बड़ी बेटियों की शादी तब की जब वे 30 साल की हो गईं। राजू की छोटी बहन भी लगभग 35 साल की है, लेकिन वह उसकी शादी में दिलचस्पी नहीं रखता। इसके चलते वह उदासीन होते चले गए और मंदिर व सत्संगों में जाना शुरू कर दिया। दिल्ली बिजली विभाग से रिटायर होने के बाद उन्होंने घर के पास ही एक आटे की चक्की भी खोली है।

राजू ने अपनी दो बड़ी बेटियों की शादी तब की जब वे 30 साल की हो गईं। राजू की छोटी बहन भी लगभग 35 साल की है, लेकिन वह उसकी शादी में दिलचस्पी नहीं रखता। बुधवार को उन्हें भी आना था, लेकिन वह नहीं आए और न ही राजू की मां या बहनों को ही आने दिया।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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