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UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2024: हरीश रावत वोटर लिस्ट विवाद: जिला निर्वाचन अधिकारी ने दी सफाई, पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना

UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2024: उत्तराखंड निकाय चुनाव 2024 के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम वोटर लिस्ट में न मिलने का मामला चर्चा में रहा। दिनभर वे अपने नाम की तलाश करते रहे, लेकिन देर शाम करीब 6 बजे जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्थिति स्पष्ट की। अधिकारी ने बताया कि हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में दर्ज है, लेकिन यह वार्ड नंबर 76 माजरा की बजाय वार्ड नंबर 58 डिफेंस कॉलोनी में दर्ज पाया गया।

UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2024: उत्तराखंड निकाय चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नाम का वोटर लिस्ट में गायब होना बड़ा विवाद बन गया। इस मुद्दे ने पूरे प्रदेश में राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी। दिनभर इस मसले पर चर्चाएं होती रहीं, और शाम को जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले पर सफाई दी।

क्या है मामला?

चुनाव के दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मतदान करने के लिए देहरादून के वार्ड नंबर 76 (माजरा) स्थित पोलिंग बूथ पहुंचे थे। लेकिन जब उनके कार्यकर्ताओं ने मतदाता सूची में उनका नाम खोजना शुरू किया, तो पता चला कि उनका नाम सूची में दर्ज नहीं है। यह मामला सामने आते ही हरीश रावत ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत दर्ज कराई और इस पर जवाब मांगा।

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हरीश रावत ने बताया कि वे 2009 से लगातार माजरा पोलिंग स्टेशन में वोट करते आए हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने यहीं मतदान किया था। लेकिन इस बार उनका नाम सूची में नहीं मिला। उन्होंने इस स्थिति को “चौंकाने वाला” बताया और कहा कि उन्हें इस बारे में पहले सचेत रहना चाहिए था।

हरीश रावत का भाजपा पर निशाना

रावत ने इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित रणनीति है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटवा देती है, जो उनके पक्ष में वोट नहीं देते। उन्होंने कहा, “आज सुबह से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि खासकर दलित और कमजोर वर्ग के लोगों के नाम मतदाता सूचियों से काटे गए हैं। यह भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा है।”

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हरीश रावत ने आगे कहा कि देहरादून में हजारों लोगों के नाम मतदाता सूचियों से गायब मिले हैं और यह स्थिति लगभग हर वार्ड में देखने को मिली। उनका कहना था कि जिन नामों को सूची से हटाया गया है, उनमें 90% से अधिक लोग कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हैं।

UTTARAKHAND NIKAY CHUNAV 2024

जिला निर्वाचन अधिकारी की सफाई

शाम को जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में मौजूद है, लेकिन यह वार्ड नंबर 76 माजरा की बजाय वार्ड नंबर 58 डिफेंस कॉलोनी में दर्ज है। इसके साथ ही उन्होंने मतदाता सूची जारी की, जिसमें रावत का नाम शामिल था।

इस सफाई पर हरीश रावत ने बयान दिया कि उन्हें देर शाम 6:38 बजे जिलाधिकारी की ओर से यह जानकारी मिली। उन्होंने कहा, “अगर मुझे यह सूचना 4:00 से 4:30 बजे के बीच मिल जाती, तो मैं अपने मतदान के अधिकार का उपयोग कर सकता था।”

हरीश रावत ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी मतदाता सूची में अपना नाम माजरा से अन्यत्र स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची तैयार करने वालों को उनके स्टाफ ने पहले ही सूचित कर दिया था कि उनका नाम माजरा पोलिंग स्टेशन में ही दर्ज रहना चाहिए।

चुनाव आयोग से उठाए सवाल

हरीश रावत ने इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में लापरवाह दिखे। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग का सर्वर डाउन होने की सूचना दी गई थी, जिससे मामले को और अधिक उलझा दिया गया।

हरीश रावत का दर्द

इस घटना से निराश हरीश रावत ने कहा, “यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से निराशाजनक है कि मैं अपने ही मतदान के अधिकार का उपयोग नहीं कर सका। मैं किसी के ऊपर जान-बूझकर मतदान से वंचित करने का आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन जो स्थिति बनी है, वह चिंताजनक है।”

उन्होंने यह भी कहा कि वे इस घटना से सबक लेंगे और भविष्य में ऐसे मामलों में अधिक सतर्क रहेंगे।

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राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी

हरीश रावत के आरोपों और भाजपा पर लगाए गए निशाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा ने अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन विपक्ष ने इसे सरकार की विफलता करार दिया है।

यह मामला उत्तराखंड निकाय चुनाव 2024 का सबसे चर्चित मुद्दा बन गया है और अब सभी की नजरें इस विवाद पर आने वाले दिनों में होने वाली राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर टिकी हैं।

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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