Delhi Election 2025: दिल्ली में 5 बजे थम जाएगा चुनाव प्रचार, सभी दल आज झोकेंगे पूरी ताकत
Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अंतिम चरण में है। 3 फरवरी यानी आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज जोर शोर से प्रचार कर रहे हैं। अब 5 फरवरी को मतदान है और 8 फरवरी को परिणाम सामने आएंगे।
Delhi Election 2025: भाजपा 27 साल से अधिक समय बाद सत्ता हासिल की कोशिश में है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 22 रोड शो और रैलियां करने का कार्यक्रम है। जबकि आप फ्री कल्याणकारी योजनाओं के मॉडल पर भरोसा करते हुए लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे से थम जाएगा। 5 फरवरी की चुनावी जंग के लिए प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों ने पूरी जान फूंक दी है। भाजपा ने 27 साल से अधिक समय बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल करने के अपने प्रयासों को तेज करते हुए चुनाव प्रचार के अंतिम दिन समूची दिल्ली में 22 रोड शो और रैलियां करने का कार्यक्रम बनाया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी अपनी फ्री कल्याणकारी योजनाओं के मॉडल पर भरोसा करते हुए लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। जबकि कांग्रेस को भी इस चुनाव में अपनी कोई हुई राजनीतिक जमीन की तलाश है।
कांग्रेस को खोई जमीन की तलाश
राष्ट्रीय राजधानी में 2013 तक 15 वर्ष तक सत्ता संभालने वाली कांग्रेस पिछले दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई। ऐसे में वह जमीनी स्तर पर अपने आप को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। अंतिम समय में पार्टी ने काफी ताकत झोंकी है और कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मैदान में उतरे और कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश की। इस चुनावी जंग में राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए बयानबाजी के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( एआई) से तैयार पोस्टर का खूब इस्तेमाल किया और रोड शो के माध्यम से जनता को साधने की कोशिश की।
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मतदान से 48 घंटे पहले थमेगा प्रचार
निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता के अनुसार मतदान से 48 घंटे पहले सभी जनसभाएं, चुनाव संबंधी कार्यक्रम और प्रचार निश्चित रूप से बंद हो जाने चाहिए। निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस अवधि के दौरान सिनेमा, टीवी और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार सामग्री का प्रसार भी प्रतिबंधित है। यदि कोई राजनीतिक दल इन माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है तो इसे आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। इसे लेकर संबंधित दल के खिलाफ कारवाई की जा सकती है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 1.56 करोड़ से अधिक मतदाता 5 फरवरी को अपनी सरकार चुनेंगे। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (ceo) के आंकड़ों के अनुसार 13,766 मतदान केंद्रों पर 1.56 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। इनमें से 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 ‘थर्ड जेंडर’ के मतदाता हैं।
दिव्यांगों के लिए 733 मतदान केंद्र बनाए गए
मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए दिव्यांगजनों के लिए 733 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने देश में पहली बार ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’ (क्यूएमएस) ऐप्लिकेशन भी शुरू की है, जिससे मतदाता ‘दिल्ली इलेक्शन-2025 क्यूएमएस’ ऐप के माध्यम से मतदान केंद्रों पर वास्तविक समय के अनुसार लोगों की मौजूदगी का पता लगा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए घर से मतदान की सुविधा के तहत 7,553 पात्र मतदाताओं में से 6,980 ने पहले ही अपना वोट डाल दिया है। यह सेवा 24 जनवरी से शुरू हुई जो चार फरवरी तक जारी रहेगी। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, 19,000 होमगार्ड और दिल्ली पुलिस के 35,626 जवान तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, ‘डमी’ और ब्रेल मतपत्रों के प्रावधानों सहित 21,584 बैलेट यूनिट, 20,692 Control Unit और 18,943 वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) तैयार किए गए हैं। ‘AAP’ ने 2015 में 70 में से 67 सीट जीती थीं, जबकि BJP को सिर्फ 3 सीट मिली थी और Congress खाता तक नहीं खोल पाई थी। ‘AAP’ ने 2020 में 62 सीट के साथ अपना दबदबा कायम रखा, जबकि BJP ने 8 सीट जीतीं और Congress एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रही।
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चुनाव में दलों के बीच जुबानी जंग हुई तेज
इस चुनाव के दौरान भी कई राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। आप द्वारा भाजपा को भारतीय “झूठ पार्टी” और “गली गलीज पार्टी” कहने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आप को “आप-दा” और उसके नेता अरविंद केजरीवाल को “घोषणा मंत्री” कहकर जवाब दिया। दिल्ली की राजनीति में वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस ने केजरीवाल के लिए ‘फर्जी’ और मोदी का ‘छोटा रिचार्ज’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। एआई से बने ‘मीम्स’ और डिजिटल अभियानों के हावी होने के साथ ही इस बार दिल्ली की चुनावी लड़ाई एक अलग ही स्तर पर पहुंच गई। इस बार यमुना के प्रदूषण को लेकर भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त “फाइट” हुई। यह मामला चुनाव आयोग के दरबार तक पहुंचा और दिल्ली हाईकोर्ट को भी यमुना प्रदूषण को लेकर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी।
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