Smartphone Vision Syndrome: स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल कर सकता है आपकी आंखों को कमजोर, जानें स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम के लक्षण और बचाव के उपाय
Smartphone Vision Syndrome: स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, और इसके बिना कोई भी काम करना अब मुश्किल लगता है। हालांकि, जहां एक तरफ इसने हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं इसके अधिक इस्तेमाल से कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। खासकर, स्मार्टफोन का ज्यादा उपयोग हमारी आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है और स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (Smartphone Vision Syndrome) का कारण बन सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे थकान, सूखापन, धुंधलापन और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, यदि आपको भी इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाना जरूरी है और जल्द से जल्द उचित सावधानी बरतनी चाहिए।
Smartphone Vision Syndrome: आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस का काम हो, मनोरंजन हो, दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने की बात हो या फिर ऑनलाइन खरीदारी, स्मार्टफोन के बिना सब अधूरा लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस छोटे से डिवाइस का अधिक उपयोग आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है?
एक नए स्वास्थ्य मुद्दे “स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम” (Smartphone Vision Syndrome – SVS) का नाम तेजी से सुनाई देने लगा है। यह एक ऐसी स्थिति है जो लंबे समय तक स्मार्टफोन, कंप्यूटर या अन्य डिजिटल डिवाइस के इस्तेमाल से होती है। इसकी वजह से आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे आंखों में थकान, सूखापन, धुंधलापन, सिरदर्द और गर्दन दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या है स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम?
स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम को डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) भी कहा जाता है। यह समस्या तब होती है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक लगातार स्क्रीन को देखता रहता है, खासकर बिना ब्रेक लिए। स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे आंखें सूखने लगती हैं और उनका फोकस करने की क्षमता प्रभावित होती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम अब केवल बड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों और किशोरों में भी तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल पढ़ाई और ऑनलाइन गेम्स की वजह से बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है, जिससे उनकी आंखों पर अधिक दबाव पड़ता है।
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स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम के लक्षण
अगर आप भी स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें:
- आंखों में थकान
लंबे समय तक स्मार्टफोन देखने से आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं। इससे आंखों में भारीपन महसूस होता है और कभी-कभी आंखों में दर्द भी हो सकता है।
- आंखों में सूखापन और जलन
स्क्रीन देखने के दौरान पलकें कम झपकती हैं, जिससे आंखों की नमी कम हो जाती है। इससे आंखों में जलन, खुजली और रेडनेस होने लगती है।
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- धुंधला दिखना
अगर आप लगातार स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपको चीजें धुंधली नजर आने लगी हैं, तो यह डिजिटल आई स्ट्रेन का संकेत हो सकता है।
- सिरदर्द
स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आंखों पर दबाव डालती है, जिससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
- गर्दन और कंधे में दर्द
अक्सर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय गलत मुद्रा (पोश्चर) में बैठते हैं, जिससे गर्दन और कंधे में दर्द होने लगता है। इसे “टेक्स्ट नेक सिंड्रोम” भी कहा जाता है।
- लाइट सेंसिटिविटी
कुछ लोगों को स्मार्टफोन की ब्राइट स्क्रीन या तेज रोशनी से दिक्कत होती है, जिससे आंखें चुभने लगती हैं।
स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम के कारण
स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लंबे समय तक स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल
2.स्क्रीन की चमक (Brightness) और कंट्रास्ट का गलत सेटिंग होना
3.कम रोशनी में स्मार्टफोन चलाना
4.आंखों को आराम देने के लिए ब्रेक न लेना
5.स्मार्टफोन को आंखों के बहुत करीब रखना
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कैसे बचें स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम से?
अगर आप भी स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर अपनी आंखों की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
- 20-20-20 नियम अपनाएं
हर 20 मिनट पर, 20 सेकंड के लिए, 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। इससे आंखों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है।
- स्क्रीन की ब्राइटनेस को सही सेट करें
स्क्रीन की ब्राइटनेस को अपने आस-पास की रोशनी के अनुसार एडजस्ट करें। बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्राइटनेस आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है।
- ब्लू लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें
स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर ब्लू लाइट फिल्टर ऑन करें या एंटी-ब्लू लाइट ग्लासेज पहनें। इससे आंखों को राहत मिलेगी।
- स्मार्टफोन से उचित दूरी बनाएं
स्मार्टफोन को बहुत करीब से न देखें। इसे कम से कम 16-18 इंच (40-45 सेमी) की दूरी पर रखें।
- डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल सीमित करें
जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम न बढ़ाएं। जब जरूरी हो, तभी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करें।
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- आंखों की एक्सरसाइज करें
आंखों को घुमाने, पलकें झपकाने और फोकस चेंज करने जैसी एक्सरसाइज करें, जिससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिले।
- सही पोश्चर में बैठें
गलत पोश्चर से न सिर्फ आंखों बल्कि गर्दन और पीठ पर भी असर पड़ता है। हमेशा सीधे बैठें और स्क्रीन को आंखों के लेवल पर रखें।
- नियमित आंखों की जांच कराएं
अगर आपको आंखों में लगातार दर्द, धुंधलापन या सिरदर्द की समस्या हो रही है, तो तुरंत नेत्र चिकित्सक (Eye Specialist) से संपर्क करें।
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