UTTARAKHAND BUDGET SESSION 2025: पांचवें दिन भी जारी रहेगा हंगामा, प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर गरमाई सियासत
UTTARAKHAND BUDGET SESSION 2025: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान का मुद्दा उठाया। इस दौरान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार समेत विपक्ष के अन्य विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने की मांग की। सदन में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई।
UTTARAKHAND BUDGET SESSION 2025: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज पांचवां दिन है और यह सत्र शनिवार को भी जारी रहेगा, जो आमतौर पर नहीं होता है। विपक्ष की मांग पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बजट सत्र को एक दिन और बढ़ाया जाए ताकि विधायकों को अपने सवाल रखने और बजट पर चर्चा का अधिक अवसर मिल सके।
आज सदन में पास होगा वार्षिक बजट और विनियोग विधेयक
शनिवार को विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड सरकार विभिन्न विभागों के बजट को सदन में प्रस्तुत करेगी। इसके बाद विनियोग विधेयक के साथ वित्तीय वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट को भी पास किया जाएगा। सरकार का यह बजट अगले वित्तीय वर्ष की नीतियों और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार के इस बजट से राज्य की आर्थिक दिशा और प्राथमिकताएं तय होंगी।
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वहीं, विपक्ष ने सदन में कई अहम मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है, जिसमें बजट से जुड़े प्रावधानों पर सवालों के अलावा विभिन्न सरकारी नीतियों और योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी। विपक्ष का आरोप है कि सरकार के बजट में पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों के विकास में असमानता है, जिसे लेकर वे सदन में जवाब मांगेंगे।
प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर विवाद, विपक्ष हमलावर
बजट सत्र के दौरान एक अन्य मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के सदन में दिए गए एक बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान पहाड़ और मैदान को लेकर कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिसने राज्य के लोगों को नाराज कर दिया। उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इस बयान पर आपत्ति जताई है। साथ ही, उत्तराखंड आंदोलनकारियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी मंत्री के बयान की आलोचना की है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पूरी रणनीति बना ली है और आज के सत्र में इस पर जमकर हंगामा होने की संभावना है।
सोशल मीडिया पर उठा बवाल, सरकार ने किया डैमेज कंट्रोल
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई संगठनों और नागरिकों ने उनके बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए निंदा की। जैसे-जैसे विवाद बढ़ा, वैसे-वैसे सरकार पर दबाव बढ़ता गया। अंततः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
सीएम धामी ने सदन में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों को समान रूप से विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड की असली ताकत इसकी एकता में है और राज्य सरकार सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए कार्य कर रही है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं। हालांकि, विपक्ष उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं दिख रहा है और आज के सत्र में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रहा है।
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विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति
विपक्ष ने आज के सत्र को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तय किया है कि वे प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे और इस मुद्दे को लेकर बहस की मांग करेंगे। साथ ही, विपक्षी दल सरकार की विभिन्न नीतियों और बजट में की गई घोषणाओं पर सवाल उठाने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यह सरकार लगातार पहाड़ और मैदान के मुद्दे पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान राज्य की स्थापना इसी आधार पर हुई थी कि पहाड़ और मैदान का समान रूप से विकास होगा, लेकिन अब सरकार की नीतियों में भेदभाव झलक रहा है।
सत्र के आज भी हंगामेदार रहने के आसार
आज के विधानसभा सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस होने की संभावना है। विपक्ष के आक्रामक तेवर को देखते हुए सरकार को भी पूरी तैयारी करनी होगी। मुख्यमंत्री धामी ने अपनी टीम को निर्देश दिए हैं कि वे विपक्ष के सवालों का तर्कसंगत जवाब दें और किसी भी मुद्दे पर सदन में ठोस स्थिति पेश करें।
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हालांकि, सोशल मीडिया और जनता के बीच प्रेमचंद अग्रवाल के बयान का असर बना हुआ है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस तरह से इस विवाद को शांत करने का प्रयास करती है और विपक्ष इस मुद्दे को कितनी मजबूती से उठाता है।
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