Maharashtra Politics Today: कौन लेगा फडणवीस कैबिनेट में मुंडे की जगह, अजित पवार के एक और मंत्री पर लटकी तलवार
धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कौन मंत्री बनेगा। मुंडे डिप्टी सीएम अजित पवार के कोटे से मंत्री थे और पार्टी का ओबीसी चेहरा माने जाते हैं। वहीं अजित पवार के कोटे से कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा है।
Maharashtra Politics Today: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में अजित पवार के कोटे से मंत्री रहे धनंजय मुंडे को फडणवीस कैबिनेट से हटा दिया गया है। बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में एसआईटी ने धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड को मास्टरमाइंड बताया है, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुंडे की जगह फडणवीस कैबिनेट में कौन मंत्री बनेगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अजित पवार के कोटे से एक और मंत्री की कुर्सी पर सियासी तलवार लटक रही है?
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है, लेकिन सरकार का चेहरा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। ऐसे में सीएम फडणवीस सरकार की छवि को लेकर काफी गंभीर हैं, जिसके चलते उन्होंने मुंडे से मंत्री पद का इस्तीफा ले लिया है। यह इस्तीफा अजित पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि मुंडे उनके दाहिने हाथ माने जाते थे। मुंडे के बाद अब फडणवीस सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री माणिकराव कोकाटे पर संकट गहरा गया है। इसके अलावा मंत्री जयकुमार रावल की भी मुसीबत बढ़ सकती है।
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धनंजय मुंडे की जगह कौन बनेगा मंत्री?
बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में वाल्मीक कराड को मुख्य आरोपी बनाया गया है। कराड और उसके साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद ही महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे से इस्तीफा देने को कहा था। इसके लिए एनसीपी प्रमुख अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल से बातचीत हुई, जिसके बाद धनंजय मुंडे ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति पर असर पड़ने के साथ ही बीड जिले के राजनीतिक समीकरण भी बदलेंगे, लेकिन ज्यादा टेंशन अजित पवार को लेकर है। इस तरह अजित पवार कोटे से कई विधायक हैं, जो धनंजय मुंडे की जगह मंत्री बनने के लिए बेताब हैं। इस लिस्ट में छगन भुजबल से लेकर प्रकाश सालुंके तक तमाम एनसीपी नेताओं ने मंत्री बनने के लिए राजनीतिक लॉबिंग शुरू कर दी है।
भुजबल और सालुंके में से कौन बनेगा मंत्री?
धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद सबकी निगाहें मंत्री पद पर टिकी हैं। मुंडे डिप्टी सीएम अजित पवार के कोटे से मंत्री थे और उन्हें पार्टी का ओबीसी चेहरा माना जाता है। वे मराठवाड़ा क्षेत्र से आते हैं। सीएम फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री न बनाए जाने से एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल पहले से ही नाराज हैं। मुंडे की तरह भुजबल भी ओबीसी समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। वे 2023 में शरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ खड़े होने वाले नेताओं में सबसे आगे थे।
छगन भुजबल शिंदे की अगुवाई वाली सरकार में ताकतवर मंत्री थे, लेकिन फडणवीस सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। इसके बाद से ही भुजबल ने मोर्चा खोल रखा है और ओबीसी का मुद्दा उठा रहे हैं। ऐसे में क्या अजित पवार धनंजय मुंडे की जगह छगन भुजबल को मंत्री बनाने का कदम उठाएंगे? भुजबल के अलावा दूसरा नाम एनसीपी विधायक प्रकाश सालुंके का है, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पांच बार विधायक रह चुके हैं।
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प्रकाश सालुंके उसी बीड जिले से आते हैं जहां से धनंजय मुंडे हैं। प्रकाश सालुंके बीड जिले की माजलगांव सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। शरद पवार के करीबी होने के बावजूद सालुंके ने 2023 में अजित पवार के साथ बगावत का रास्ता अपनाया था। इसलिए माना जा रहा है कि बीड जिले और मराठवाड़ा के राजनीतिक समीकरण को बनाए रखने के लिए क्या अजित पवार धनंजय मुंडे की जगह प्रकाश सालुंके को मंत्री बनाएंगे? क्या एनसीपी प्रमुख अजित पवार अपने इन दो विधायकों को छोड़कर शरद पवार के खेमे में खड़े किसी विधायक को अपने साथ मिलाकर मंत्री बनवाएंगे?
एनसीपी के एक और मंत्री पर लटकी तलवार
धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद अजित पवार के कोटे से कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा है। 30 साल पुराने एक मामले में उनका राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा है। 1995 में कोकाटे ने फर्जी दस्तावेज जमा करके सीएम कोटे से गरीबों के लिए बने सस्ते मकान हासिल किए थे। नासिक कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। उन्होंने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी। अगर कोर्ट सजा को निलंबित नहीं करता है तो वे विधायक और मंत्री पद दोनों खो देंगे।
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। बजट सत्र से पहले ही माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही थी और विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विधान भवन परिसर में हंगामा कर रहा है। इस बीच धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष फिर से आक्रामक नजर आ सकता है। इस तरह अजित पवार की राजनीतिक टेंशन खत्म नहीं हो रही है क्योंकि धनंजय मुंडे के इस्तीफे से मराठवाड़ा का समीकरण गड़बड़ा रहा है और अब नासिक क्षेत्र से विधायक कोकाटे ने टेंशन बढ़ा दी है।
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बढ़ सकती हैं मंत्री जयकुमार रावल की मुश्किलें
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद अब मंत्री जयकुमार रावल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की जमीन हड़पने के मामले में धुले जिला न्यायालय ने भाजपा नेता और मंत्री जयकुमार रावल को हड़पी गई जमीन वापस करने का आदेश दिया है। धनंजय मुंडे और माणिकराव कोकाटे के बाद अब मंत्री जयकुमार रावल का नाम सामने आया है। पूर्व विधायक अनिल गोटे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को धोखा देने वाले मंत्री राज्य और शिंदखेड़ा निर्वाचन क्षेत्र के साथ क्या न्याय करेंगे?
पिछले साल जिला न्यायालय ने रावल परिवार के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस फैसले की पूरे जिले में खूब चर्चा हुई थी। अनिल गोटे ने बताया कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को अपनी मौसी से दोंडाईचा शिवरात में 38आर क्षेत्र समूह क्रमांक 403/1, 403/3 और 404 की 10 हेक्टेयर जमीन मिली थी, जिसे रावल ने हड़प लिया। न्यायालय के आदेश के बाद भी रावल जमीन वापस नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जयकुमार रावल पर भी दबाव बढ़ने लगा है।
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