Pahalgam Terror Attack Protest: मसूरी और खटीमा में मुस्लिम समुदाय का आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन, पहलगाम हमले की कड़ी निंदा
पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में मसूरी और खटीमा में मुस्लिम समुदाय ने आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए। समुदाय ने सरकार से हमले में शामिल आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
Pahalgam Terror Attack Protest: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद देशभर में आक्रोश की लहर है। इसी क्रम में उत्तराखंड के मसूरी और खटीमा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ खुलकर विरोध दर्ज कराया। मसूरी में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी गई और खटीमा में रैली निकालकर पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इन दोनों स्थानों पर मुस्लिम समाज ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
मसूरी में नमाज से पहले दो मिनट का मौन
मसूरी में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग स्थानीय मस्जिदों में एकत्र हुए। सभी ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधी और नमाज अदा की। नमाज से पहले आतंकी हमले में मारे गए 27 लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। लोगों ने एक स्वर में आतंकियों की निंदा की और ऐसे कृत्यों को इस्लाम विरोधी करार दिया। इस मौके पर पाकिस्तान के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई।
आतंकी हमलों से भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की साजिश
प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि आतंकवादी घटनाएं केवल जान-माल का नुकसान ही नहीं करतीं, बल्कि इनका उद्देश्य देश में रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच दरार पैदा करना भी होता है। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है, जिसे तोड़ने की साजिशें समय-समय पर की जाती रही हैं। लेकिन देश का अल्पसंख्यक समाज इन साजिशों को नाकाम करने के लिए कटिबद्ध है।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
मसूरी में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इस जघन्य हमले के पीछे शामिल आतंकवादी संगठनों और उनके मददगारों के खिलाफ बिना किसी नरमी के कठोर कदम उठाए। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति इस घटना में संलिप्त है, उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना को अंजाम देने की हिम्मत न कर सके।
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खटीमा में जुलूस और नारेबाजी
खटीमा में भी शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने सड़कों पर उतरकर आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। जामा मस्जिद से लेकर खटीमा मुख्य चौक तक रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। हाथों में बैनर-पोस्टर लिए हुए प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए। खटीमा चौराहे पर इकट्ठा होकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की।
कामिल खान ने जताया आक्रोश
जुलूस का नेतृत्व जामा मस्जिद खटीमा के प्रशासक कामिल खान ने किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और जो लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया जाए और आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए।
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सौहार्द बनाए रखने का संदेश
इन प्रदर्शनों के जरिए मुस्लिम समुदाय ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म या संगठन के नाम पर हो। समुदाय के लोगों ने देशवासियों से सौहार्द और एकता बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वे देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
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