Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड बन रहा सैलानियों की नई पसंद, कश्मीर जैसी खूबसूरती और बेहतर सुरक्षा का संगम
उत्तराखंड अब सैलानियों की पहली पसंद बन रहा है, जहां कश्मीर जैसी खूबसूरती के साथ बेहतर सुरक्षा मिलती है। गढ़वाल और कुमाऊं के हिल स्टेशन, झीलें और ट्रेकिंग रूट पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। सरकार की नई योजनाएं और सुविधाएं पर्यटन को नया आयाम दे रही हैं।
Uttarakhand Tourism: प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड अब पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। ऐसे में पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें कश्मीर जैसी ही वादियां, पहाड़ और झीलें देखने को मिल रही हैं — वह भी अधिक सुरक्षित माहौल में।
कश्मीर की जगह उत्तराखंड, क्यों बना बेहतर विकल्प?
उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में ऐसे कई हिल स्टेशन हैं जो किसी भी दृष्टि से कश्मीर से कम नहीं हैं। यहां की हरियाली, बर्फ से ढकी चोटियां और सुरम्य घाटियां पर्यटकों को सुकून देती हैं। हर की दून, औली, चोपता, नीति घाटी, दयारा बुग्याल, हर्षिल वैली और आली-बेदनी जैसे स्थान बेहद लोकप्रिय होते जा रहे हैं।
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इन स्थानों में न केवल शांति मिलती है, बल्कि रोमांचक गतिविधियों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में लोग अब इन सुरक्षित और सुंदर जगहों को प्राथमिकता देने लगे हैं।
कुमाऊं के पर्यटन स्थल भी दे रहे कड़ी टक्कर
कुमाऊं क्षेत्र भी अद्भुत पर्यटन स्थलों से समृद्ध है। पिथौरागढ़ के दारमा वैली, पंचाचूली बेस कैंप, नामिक ग्लेशियर और आदि कैलाश जैसे स्थान साहसिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इसके अलावा मुनस्यारी, धारचूला, गंगोलीहाट और चौकोड़ी जैसे स्थल अपने नैसर्गिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाने जाते हैं।
नैनीताल जिले की झीलें जैसे नैनी झील, भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, बल्कि यहां पर्यटक बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
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जल पर्यटन में भी पीछे नहीं उत्तराखंड
उत्तराखंड की टिहरी झील इन दिनों जल पर्यटन का नया केंद्र बन रही है। यहां क्रूज राइड, बोटिंग और वॉटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। देहरादून के आसन बैराज में भी पर्यटक नौकायन का अनुभव ले सकते हैं। नैनीताल की झीलों में बोटिंग करने का अनुभव पर्यटकों को डल झील की याद दिलाता है।
सरकार की तैयारियां और नई योजनाएं
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 24 नए सर्किट तैयार किए हैं — 12 गढ़वाल क्षेत्र में और 12 कुमाऊं में। सड़कों का सुधार, वैकल्पिक मार्गों का विकास और सुविधाओं में वृद्धि से पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
पर्यटन मंत्री के अनुसार, राज्य अब चारधाम यात्रा तक सीमित नहीं रहा है। अन्य क्षेत्रों को भी पर्यटन मानचित्र पर लाया जा रहा है, ताकि पर्यटक वैरायटी वाले अनुभव ले सकें।
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बागेश्वर और अल्मोड़ा में भी भरपूर संभावनाएं
बागेश्वर जिले में स्थित पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक, रंथन खड़क और लीती-सामा जैसे शांत पहाड़ी गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुकून भरे माहौल के लिए लोकप्रिय होते जा रहे हैं। दूसरी ओर, अल्मोड़ा जनपद में मौजूद जागेश्वर धाम, कसार देवी मंदिर, बिनसर महादेव और रानीखेत जैसे स्थल आस्था, संस्कृति और शांति के संगम के रूप में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं
उत्तराखंड — सुंदरता, सुरक्षा और सुविधा का नया संगम
जहां एक ओर देश के कुछ पर्यटन स्थलों में अस्थिरता और खतरे का माहौल है, वहीं उत्तराखंड में प्रकृति की गोद में सुकून और रोमांच दोनों मिलता है। बेहतर सड़कें, सुरक्षित वातावरण और सरकारी प्रयासों के कारण यह राज्य अब सैलानियों की शीर्ष पसंद बनता जा रहा है।
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