Delhi Water Crisis: राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में बढ़ते जल संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने मानवीय आधार (Humanitarian basis) पर हरियाणा (Haryana) से यमुना (Yamuna) में पानी छोड़ने की अनुमति मांगी है। यह जरूरी अपील आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता और मंत्री आतिशी (Senior leader and minister Atishi) ने शनिवार 15 जून को एक बयान में की।
नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दिल्ली के जल मंत्री (Water Minister) ने इस गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डाला और बताया किं, राजधानी में प्रतिदिन 70 मिलियन गैलन पानी की कमी हो रही है। इस कमी का कारण मुनक नहर (Munak Canal) और वजीराबाद जलाशय (Wazirabad Reservoir) से अपर्याप्त कच्चे पानी की आपूर्ति है।
मंत्री ने बताया कि, कच्चे पानी की कमी के कारण शुक्रवार 14 जून को लगभग 1,002 मिलियन गैलन प्रतिदिन के सामान्य जल उत्पादन स्तर में गिरावट देखी गई और यह 932 एमजीडी पर आ गया। गंभीर स्थिति पर जोर देते हुए, दिल्ली सरकार ने हरियाणा से अपील की कि वह शहर के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए दया के आधार पर पानी की निकासी बढ़ाए।
इस बीच, यमुना जल के बंटवारे पर चर्चा तब होगी जब मौजूदा गर्मी की स्थिति कम हो जाएगी, क्योंकि सरकार तत्काल राहत उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शुक्रवार को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (Upper Yamuna River Board) की बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद, दिल्ली में जल संकट का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
सकारात्मक घटनाक्रम में, आतिशी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) से बातचीत के बाद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की दिल्ली को अधिशेष जल (Surplus Water) उपलब्ध कराने की इच्छा का उल्लेख किया, जिन्होंने सहयोग का वादा किया। हिमाचल प्रदेश से उपलब्ध जल से संबंधित डेटा की बारीकियों का पता बोर्ड को अभी लगाना है।
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान, पानी की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक व्यापक मूल्यांकन (comprehensive assessment) पर सहमति बनी, साथ ही पानी के टैंकरों की तैनाती में वृद्धि की गई। वर्तमान में, डीजेबी के टैंकर (DJB tankers) प्रतिदिन लगभग 10,000 चक्कर लगा रहे हैं ताकि सूखे से जूझ रहे क्षेत्रों में 10 एमजीडी पानी की आपूर्ति की जा सके। बवाना (Bawana), द्वारका (Dwarka) और नांगलोई (Nangloi) जैसे स्थानों में स्थानीय निवासियों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए आपातकालीन ट्यूबवेल (Emergency Tubewell) चालू कर दिए गए हैं।