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Abbas Ansari MLA: अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खतरे में, मऊ में सियासी संग्राम तय!

भड़काऊ भाषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद मऊ विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। अब मऊ सीट खाली हो गई है और उपचुनाव की सुगबुगाहट के बीच सियासी माहौल गरमा गया है।

Abbas Ansari MLA: अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता दो साल की सजा के साथ ही खत्म हो गई है। कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए 11 हजार रुपये के जुर्माने के साथ जेल भेजने का आदेश दिया है। अब सबकी निगाहें यूपी विधानसभा सचिवालय और चुनाव आयोग पर टिकी हैं। क्या अब मऊ में फिर से उपचुनाव होगा? क्या अब्बास फिर से अपनी राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे? क्या अंसारी परिवार एक और कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है? ऐसे कई सवाल हैं और आने वाले दिनों में इनके जवाब मिल जाएंगे। लेकिन फिलहाल मऊ में सत्ता की कुर्सी खाली हो गई है और राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

कोर्ट का बड़ा फैसला, अब्बास अंसारी अयोग्य घोषित

भड़काऊ भाषण मामले में दो साल की सजा मिलते ही मऊ सदर विधायक और सुभासपा नेता अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई। कोर्ट ने इस मामले में अब्बास के साथ उनके चाचा मंसूर अंसारी को भी दोषी मानते हुए छह महीने की सजा सुनाई। दोनों पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी भी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर वह स्वतः ही अयोग्य हो जाता है। इसी नियम के तहत अब्बास अंसारी की सदस्यता खत्म हो गई।

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विधानसभा सचिवालय और चुनाव आयोग के अगले कदम पर निगाहें

अब मऊ सीट को लेकर यूपी विधानसभा सचिवालय की भूमिका अहम हो गई है। कोर्ट का आदेश मिलते ही सचिवालय सीट को रिक्त घोषित कर इसकी सूचना चुनाव आयोग को भेज देगा। जानकारों के मुताबिक सोमवार तक सीट को रिक्त घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। इसके बाद छह महीने के अंदर इस सीट पर उपचुनाव कराना अनिवार्य हो जाएगा। यानी मऊ की सियासत में एक बार फिर घमासान मचना तय है।

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हाईकोर्ट में होगी चुनौती, सदस्यता बहाली के प्रयास शुरू

हालांकि अब्बास अंसारी हार मानने के मूड में नहीं हैं। उनके वकील ने संकेत दिए हैं कि वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। हालांकि वे सदस्यता समाप्ति की प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठा सकते, लेकिन सजा पर रोक लगवाकर अपना भविष्य आसान कर सकते हैं। उनके चाचा अफजाल अंसारी का उदाहरण सबके सामने है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और वे सांसद पद पर बहाल हो गए। अब्बास भी इसी राह पर चल सकते हैं।

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अब मऊ में गरमाएगी सियासत, कौन होगा अगला दावेदार?

अब सवाल यह है कि मऊ की जनता किसे अगला विधायक बनाएगी? क्या अंसारी परिवार किसी और को मैदान में उतारेगा? या फिर मऊ की सियासत में कोई नया चेहरा उभर कर सामने आएगा? यह तय है कि आने वाले दिन मऊ की सियासत के लिए काफी गरमाहट भरे होने वाले हैं।

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Written By| Chanchal Gole| National Desk

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