उत्तराखंड (uttarakhand), जिसे ‘देवभूमि’ (DevBhoomi) के नाम से भी जाना जाता है, अपनी नैसर्गिक खूबसूरती(Natural Beauty) और आध्यात्मिक धरोहरों (Spiritual heritages) के कारण दुनियाभर के पर्यटकों(Tourism) के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां के हरे-भरे पहाड़, शांत झीलें, ऊंची हिमालय की चोटियां, और धार्मिक स्थलों ने इसे पर्यटन (Tourist) के मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाया है। प्रत्येक वर्ष लाखों सैलानी देश और विदेश से उत्तराखंड की ओर खिंचे चले आते हैं।
विश्व पर्यटन दिवस: उद्देश्य और महत्व
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने वर्ष 1979 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस(World Tourism Day) की शुरुआत की थी। हर साल 27 सितंबर को यह दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक ( social, cultural, political and economic) महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभिन्न देशों (Multiple Countries) के बीच पर्यटन सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया जाता है।
उत्तराखंड में पर्यटन की उपलब्धियां
उत्तराखंड पर्यटन (Uttarakhand Tourism) के क्षेत्र में नए-नए आयाम स्थापित कर रहा है। राज्य सरकार (State Government) द्वारा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर देना है।
होमस्टे योजना: एक नई दिशा
उत्तराखंड सरकार ने ‘दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होमस्टे) योजना’ के माध्यम से पर्यटन में नया आयाम जोड़ा है। इस योजना के तहत राज्य के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए होमस्टे की सुविधा प्रदान की जा रही है। पर्यटक इन होमस्टे में रहकर न केवल उत्तराखंड की संस्कृति और खानपान का अनुभव कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी का भी आनंद उठा सकते हैं।
हमस्टे योजना के आंकड़े
अब तक इस योजना के तहत 5,449 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं, और 900 से अधिक होमस्टे मालिकों को सब्सिडी का लाभ मिला है। यह योजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना
पर्यटन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना’ की भी शुरुआत की है। इस योजना के तहत बस, टैक्सी, इलेक्ट्रिक बस, मोटर गैराज, योग ध्यान केंद्र, साहसिक गतिविधियों जैसी सेवाओं के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, होटलों और फास्ट फूड सेंटर्स की स्थापना के लिए भी सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उत्तराखंड के गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार
विश्व पर्यटन दिवस 2024 के अवसर पर, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार के लिए चुना है। इनमें उत्तरकाशी का जखोल गांव साहसिक पर्यटन के लिए, हर्षिल और पिथौरागढ़ के गूंजी गांव वाइब्रेंट विलेज के रूप में, और नैनीताल का सूफी गांव कृषि आधारित पर्यटन के लिए चयनित हुआ है।