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आखिर बीजेपी के पुराने नेताओं की चिंता क्यों बढ़ गई है ?

Political News Loksabha Election 2024: बीजेपी का दावा है कि इस बार के चुनाव में वह चार सौ सीट जीत पाएगी। इस ऐलान के पीछे की क्या कहानी है यह किसी को पता नहीं। गोदी मीडिया वाले भी जयकारे में डूबे हुए हैं। बीजेपी को कैसे चार सौ सीट जीत पाएगी इस पर कोई मंथन नहीं है लेकिन बीजेपी के बयान को आगे बढाकर देश में भौकाल मचा हुआ है। सबकी जुबान पर एक ही बात है कि इस बार चार सौ पार। यह बयान बीजेपी के छुटभैये नेताओं के साथ ही बड़े नेता भी देते फिर रहे हैं और इसमें नर्तन सबसे जयदा गोदी मीडिया करता दिख रहा है।
लेकिन मजे की बात तो यह है कि बीजेपी के पुराने नेता भी खासे परेशान है। उनकी मुश्किल है कि उन्हें इस बार टिकट मिलता है या नहीं। बहुत से ऐसे नेता है जो कई बार लगातार सांसद बने हैं। उनकी नेतागिरी को अब वोटर पसंद नहीं कर रहे हैं। बीजेपी के रिकॉर्ड में ये बाते अब आ गई है। ऐसे में खबर ये भी निकल रही है कि जो नेता दो से तीन बार लगातार चुनाव जीतते रहे हैं उन्हें इस बार जगह नहीं मिलेगी। बीजेपी के भीतर जैसे ही इस बात पर मंथन शुरू हुआ कई पुराने नेताओं की परेशानी बढ़ गई। नेताओं की राजनीति अगर ख़त्म हो जाए तो उनकी परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। एक तो उनके ऊपर कई मुक़दमे चढ़ जाते हैं फिर उनक हनक भी ख़त्म हो जाता है और कमाई के सारे रास्ते भी बंद हो जाते हैं। कमाई नहीं तो राजनीति कैसी ?
बीजेपी सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक जो तीन बार सांसद रह चुके हैं उनकी टिकट कट सकती है। इसमें भी जिनकी आयु 70 साल से ज्याद हो गई उनकी टिकट तो सौ फीसदी कट सकती है। उन्हें इस बार टिकट नहीं दी जाएगी। हो सकता है एक दोअपवाद हो जाये लेकिन अधिकतर बूढ़े लोगों को टिकट नहीं दी जाएगी और उन्हें कह भी दिया गया है। जाहिर है जिनकी टिकट काट दी जायेगी उनके राजनीतिक खेल ख़त्म हो जायेगे। हो सकता है इन बूढ़े कुछ नेताओं को विधान सभ चुनव में उतरा जा सकता है लेकिन इसकी भी गुंजाइस बहुत ही कम है । हालिया विधान सभा चुनाव में कुछ इस तरह का नजर दिखा भी था।


खबर के मुताबिक दिल्ली के सभी सांसदों की सीट खतरे में है। किसी को भी टिकट नहीं दी जाएगी। अभी तक का खेल तो यही है। हंसराज हंस को पंजाब से चुनाव में यत्र जा सकता है तो प्रवेश वर्मा को हरियाणा या फिर राजस्थान से मैदान में उतारा जा सकता है। वर्मा इसकी तैयारी भी कर रहे हैं। मनोज तिवारी को बिहार भेजने की बात की जा रही है जबकि गौतम गंभीर और हर्षवर्धन को इस बार टिकट नहीं दी जयेगी .इन लोगों को विधान सभा चुनाव में मौका मिल सकता है। रमेश विधूड़ी को भी राजस्थान से टिकट दिया ज सकता है। जानकारी मिल रही है कि मीनाक्षी लेखी को केवल टिकट दी जा सकती है। बाकी के सभी 6 बीजेपी सांसद काफी चिंतित हो गए हैं। सबसे ज्यादा परेशान मनोज तिवारी हैं। उन्हें लगने लगा है कि बिहार के होते हुए भी बिहार में उनकी दाल नहीं गल सकती है। उनके खेल को बिहारी जानते हैं।
इसी तरह से बिहार में राधामोहन सिंह ,रमा देवी ,गिरिराज सिंह ,अश्वनी चौबे ,रविशंकर प्रसाद को टिकट इस बार शायद ही बीजेपी दे। अगर गिरिराज सिंह को टिकट मिल भी जाती है तो जगह बदल सकती है। झारखंड में पीएन सिंह ,सुदर्शन भगत ,सुनील सोरेन ,विष्णुदेव राम और सुनील सिंह की टिकट काट सकती है। इसके साथ ही यूपी से करीब 40 सांसदों के टिकट काटने की बात की जा रही है। गुजरात से भी कई सांसदों के टिकट कटे जायेंगे। मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़ और हरियाणा के भी कई सांसदों के टिकट काटे जायेंगे।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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