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UP Mandir Prasad Controversy: तिरुपति बालाजी लड्डू में वसा के बाद अब राम मंदिर प्रसाद पर संदेह

After fat in Tirupati Balaji laddu, now doubts over Ram Mandir Prasad

UP Mandir Prasad Controversy: तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) के लड्डू प्रसादम (Laddu Prasadam) में मिलावट (Adulteration) की खबर के बाद अब लोगों को मंदिरों के प्रसादम (Prasadam of Temples) पर भी संदेह होने लगा है। इस संदेह को दूर करने के लिए एक राम भक्त ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) के जनसुनवाई पोर्टल आईजीआरएस (Public Hearing Portal IGRS) पर अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) में बांटे जाने वाले प्रसादम की जांच की भी गुहार लगाई है। इस गुहार को गंभीरता से लेते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department) ने सैंपलिंग कर उसे जांच के लिए प्रयोगशाला (Laboratory) भेज दिया है।

औसतन 80 हजार पैकेट प्रतिदिन वितरित किए जाते हैं

जब से रामलला टेंट से निकलकर नए अस्थायी ढांचे (Temporary Structures) में आए हैं, तब से इलायची दाना प्रसाद (Cardamom Seeds Prasad) वितरित किया जाने लगा है। चीनी (Sugar) और इलायची दानों (Cardamom Seeds) के अलावा इसमें कोई अन्य खाद्य सामग्री (Other Food Items) नहीं डाली जाती। तीर्थ क्षेत्र (Pilgrimage Area) के कार्यालय प्रभारी (Office Incharge) प्रकाश गुप्ता (Prakash Gupta) बताते हैं कि औसतन हर दिन इलायची दानों के 80 हजार पैकेट प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।

सहायक खाद्य आयुक्त (Assistant Food Commissioner) मानिक चंद सिंह (Manik Chand Singh) ने बताया कि आईजीआरएस (IGRS) से मिली शिकायत के बाद हैदरगंज (Haiderganj) में इलायची दाना प्रसाद बनाने वाले स्थान से सैंपलिंग कराई गई है और उसे जांच के लिए झांसी राजकीय प्रयोगशाला (Jhansi Government Laboratory) भेजा गया है।

रामलला का प्रसाद उनकी अपनी रसोई में होता है तैयार

राम मंदिर में रामलला की एक विशेष रसोई (Specialty Kitchens) है। जिसमें उनके रसोइये अलग-अलग समय पर संपूर्ण सनातन परंपरा (Sanatan Tradition) के मानकों के अनुसार उनका भोग प्रसाद तैयार करते हैं। आमतौर पर रामलला को रसोई में बनी पूड़ी, सब्जी और खीर का भोग लगाया जाता है। हालांकि भोग के लिए कुछ प्रसाद बाहर से भी लाया जाता है। इसमें मुख्य रूप से पेड़ा, पान, फल, मेवा जैसी खाद्य सामग्री शामिल होती है। खास बात यह है कि, तीन पीढ़ियों से पान (Paan) और पेड़ा (Peda) एक ही हलवाई और दुकान से आते आ रहे हैं। इसके पीछे की वजह भी शुद्धता ही है। भोग के रूप में चढ़ाए जाने वाले इस प्रसाद को आम श्रद्धालुओं (Common Devotees) में नहीं बांटा जाता है। यह प्रसाद आरती के समय सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के साथ ही तीर्थ क्षेत्र के पुजारियों (Priests) और पदाधिकारियों (Office Bearers) में वितरित किया जाता है।

हनुमानगढ़ी के बाहर बिकने वाले लड्डू में मिलाई गई मटर

सहायक आयुक्त (Assistant Commissioner) मानिक चंद सिंह (Manik Chand Singh) ने बताया कि, हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) के बाहर समय-समय पर लड्डू प्रसाद की सैंपलिंग (Sampling of Laddu Prasad) की जाती है। तिरुपति (Tirupati) हादसे से पहले भी सैंपलिंग की गई थी। इसकी रिपोर्ट भी आ गई है। बेसन के लड्डू के सैंपल (Samples of Besan Laddu) में चने (Chickpeas) की जगह मटर (Pea) मिली है। अभी तक हनुमानगढ़ी अखाड़े या किसी और ने तिरुपति के बाद किसी तरह की सैंपलिंग का अनुरोध नहीं किया है। जल्द ही जरूरत पड़ने पर दोबारा सैंपल लिए जाएंगे।

Chanchal Gole

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