DOC T PRAVEEN KUMAR REINSTATED: नेशनल गेम्स में ताइक्वांडो मैच फिक्सिंग के आरोप निराधार, दिल्ली हाईकोर्ट ने डीओसी टी प्रवीण कुमार को बहाल किया
DOC T PRAVEEN KUMAR REINSTATED: नेशनल गेम्स में ताइक्वांडो मुकाबलों को लेकर लगे मैच फिक्सिंग के आरोपों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत को इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिले, जिसके बाद डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन (DOC) टी प्रवीण कुमार को बहाल करने का आदेश दिया गया। इससे पहले, मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते टी प्रवीण कुमार को उनके पद से हटा दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें दोबारा पद संभालने की अनुमति दे दी।
DOC T PRAVEEN KUMAR REINSTATED: उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों (नेशनल गेम्स) के दौरान ताइक्वांडो मुकाबलों में मैच फिक्सिंग का बड़ा विवाद सामने आया था। इस विवाद के बाद डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन (DOC) टी प्रवीण कुमार सहित 30 राज्यों के कोच और 20 से अधिक टेक्निकल स्टाफ को उनके पद से हटा दिया गया था। हालांकि, इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मैच फिक्सिंग के आरोपों को खारिज कर दिया और टी प्रवीण कुमार सहित अन्य अधिकारियों को फिर से बहाल करने के निर्देश दिए।
मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण DOC को किया गया था निलंबित
राष्ट्रीय खेलों के दौरान ताइक्वांडो मुकाबलों में कथित अनियमितताओं और मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते प्रतियोगिता की तकनीकी संचालन समिति (GTCC) ने DOC टी प्रवीण कुमार सहित कई अधिकारियों और कोचों को उनके पदों से हटा दिया था। GTCC ने यह कार्रवाई प्रतियोगिता शुरू होने से पहले ही संभावित परिणामों को प्रभावित करने की आशंका के आधार पर की थी। इसके बाद DOC पद की जिम्मेदारी एस दिनेश कुमार को सौंप दी गई थी।
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टी प्रवीण कुमार और अन्य प्रभावित अधिकारियों ने इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं थे। अदालत ने कहा कि आरोप अनुचित और निराधार हैं, जिसके बाद सभी अधिकारियों को फिर से उनके पदों पर बहाल करने का आदेश दिया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: आरोप गलत पाए गए, DOC बहाल
गुरुवार को सुनाए गए अपने फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया कि टी प्रवीण कुमार और उनकी टीम पर लगे मैच फिक्सिंग के आरोप गलत साबित हुए हैं। अदालत ने कहा कि किसी भी अधिकारी या टेक्निकल स्टाफ के खिलाफ ठोस प्रमाण नहीं मिले, जिसके चलते उन्हें हटाना अनुचित था।
इस फैसले के बाद ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी अदालत के आदेश का पालन करते हुए टी प्रवीण कुमार को DOC पद पर पुनः बहाल कर दिया। अब उन्होंने फिर से अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है और ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं के आयोजन की निगरानी कर रहे हैं।
DOC टी प्रवीण कुमार का बयान: न्याय की जीत हुई
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद, हल्द्वानी पहुंचे DOC टी प्रवीण कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,
“यह मेरे और मेरी टीम के लिए न्याय की जीत है। हम पर लगाए गए सभी आरोप झूठे साबित हुए हैं। अब हम पूरी ईमानदारी से राष्ट्रीय खेलों में ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुराने कोच और टेक्निकल स्टाफ के वापस आने से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और खेल का स्तर और भी ऊंचा होगा।
टी प्रवीण कुमार ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI), जीटीसीसी और पीटी उषा का धन्यवाद किया, जिन्होंने निष्पक्ष जांच कर सही निर्णय लिया।
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तीन बार DOC की जिम्मेदारी निभा चुके हैं टी प्रवीण कुमार
टी प्रवीण कुमार कोई नए अधिकारी नहीं हैं, बल्कि वे इससे पहले भी तीन बार नेशनल गेम्स में DOC की भूमिका निभा चुके हैं। वे विशाखापत्तनम, केरल और गोवा में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में इसी पद पर काम कर चुके हैं। अब यह चौथी बार है जब वे ताइक्वांडो मुकाबलों के DOC की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा,”मैं अपने अनुभव और समर्पण के साथ यह सुनिश्चित करूंगा कि ताइक्वांडो खेल में कोई गड़बड़ी न हो। हम खिलाड़ियों के हित में काम करेंगे और खेल को निष्पक्ष बनाए रखेंगे।”
खिलाड़ियों और कोचों में खुशी की लहर
DOC टी प्रवीण कुमार और अन्य अधिकारियों की बहाली के फैसले के बाद ताइक्वांडो खिलाड़ियों और कोचों में उत्साह देखा गया। कई खिलाड़ियों ने कहा कि वे अपने पुराने कोच और टेक्निकल स्टाफ के साथ खुद को अधिक सहज महसूस करते हैं और इससे उनके प्रदर्शन में सुधार होगा।
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मैच फिक्सिंग के आरोप कैसे लगे थे?
राष्ट्रीय खेलों के दौरान कुछ टीमों ने यह आरोप लगाया था कि ताइक्वांडो मुकाबलों के परिणाम पहले से तय किए जा रहे थे। इस आरोप के बाद तकनीकी संचालन समिति (GTCC) ने DOC टी प्रवीण कुमार और कई कोचों को हटा दिया था।
लेकिन जब यह मामला अदालत में गया, तो दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि न तो कोई ठोस प्रमाण मिले और न ही किसी तरह की अनियमितता साबित हो पाई। इसके बाद अदालत ने सभी अधिकारियों को बहाल करने का आदेश दे दिया।
अब खेल में पारदर्शिता बनाए रखने की होगी कोशिश
टी प्रवीण कुमार ने कहा कि उनकी प्राथमिकता ताइक्वांडो खेल में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों, कोचों और तकनीकी स्टाफ को आश्वासन दिया कि अब खेल के संचालन में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।
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