UP Saharanpur Latest News: नगर निगम के भ्रष्ट ‘निरंकुश’ क्लर्क का एक और कारनामा, साथियों को पीटा
UP Saharanpur Latest News: सहारनपुर नगर निगम के मुंशी से लिपिक बने शख्स का आतंक ऐसा है कि वह किसी भी निगम कर्मचारी एवं अफसर को खातिर में नहीं लाता। यह कभी नगर पालिका की चुंगी पर मुंशी हुआ करता था। यह इसी पद पर नियुक्त हुआ था। इसकी नियुक्ति हाल-फिलहाल तक इसी पद पर थी। पूर्व मैं तात्कालीन नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा इसका आउट ऑफ ट्रन प्रमोशन करते हुए इसे चपरासी से लिपिक बनाया गया था। हालांकि उक्त लिपिक की पदोन्नति का मामला विवादों के घेरे में आ गया था।
याद रहे तथाकथित लिपिक के पास मुंशी (चपरासी) के पद पर होते हुए भी निगम के कई बड़े विभागों का लंबे समय तक चार्ज रहा है। जिसमें रिकॉर्ड रूम उद्यान विभाग (Gandhi park) गौशाला आदि प्रमुख हैं, जहां दशकों इसका एक छत्र राज चलता रहा। किसकी दया दृष्टि के चलते मुंशी होने के बावजूद वर्तमान तथाकथित लिपिक को प्रमुख विभागों का चार्ज सोंपा गया यह राज ही बना हुआ है। क्या कोई चपरासी (क्लास फोर्थ) सरकारी विभाग के प्रमुख विभागों का प्रभारी नियुक्त किया जा सकता है यह अपने आपमें बड़ा सवाल है..?
उक्त तथाकथित लिपिक के कारनामों की फैहरिस्त इतनी लंबी है कि अगर उसे क्रमबद्ध किया जाए तो अखबार भी कम पड़ जाएगा। बता दें उक्त लिपि के कारनामें अक्सर अखबारों की सुर्खियां बने रहे। फिर चाहे निगम प्रांगण और उद्यान विभाग से हरे पेड़ों को कटवाकर बेचना रहा हो या फिर रिकॉर्ड रूम में प्रभारी रहते हुए की गई करोड़ों की सामग्री की खरीद फरोख्त सभी चर्चा का विषय बने।
यही नहीं निगम के किसी वरिष्ठ अधिकारी या राजनीतिक हस्ती का वर्धहस्त होते हुए उक्त तथा कथित बाबू पर एक समय में एक से अधिक विभागों का चार्ज भी चर्चा का विषय बना रहा। ऐसे ही प्रमुख विभागों का सर्वेसर्वा रहते हुए उक्त लिपिक द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम देते हुए अवैध धन संपत्ति अर्जित की गई। शायद यही कारण है मुंशी से बाबू बने उक्त लिपिक की निरंकुशता बढ़ती चली गई।
कुछ समय पहले तत्कालीन नगरयुक्त ग़ज़ल भारद्वाज द्वारा उक्त बाबू से उद्यान विभाग का चार्ज इसलिए छीन लिया गया था क्योंकि इसके द्वारा उद्यान विभाग (गांधी पार्क) में ठेकेदार से मिलकर अनैतिक कृतियों को अंजाम दिलवाया जा रहा था। जिसकी शिकायत के बाद महापौर डॉ अजय कुमार, अपर नगरायुक्त राजेश यादव, डिप्टी मेयर मुकेश गक्कड़ एवं अन्य पार्षदों के समक्ष उद्यान विभाग का निरीक्षण करने पर अंजाम दिये जा रहे कूकृतियों की पुष्टि हुई थी।
बाकायदा प्रेमी जोड़ों को मिलवाने के लिए गांधी पार्क में गद्दे डाले हुए थे। उसे समय गांधी पार्क की स्थिति देख मौके पर पहुंचे सभी लोग आश्चर्य चकित रहते थे। यह मामला भी खूब अखबारों की सुर्खियां बना। इस प्रकरण में भी उद्यान बाबू के विरुद्ध जांच के आदेश एवं ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर उसके खिलाफ प्राथमिक दर्ज कराने के आदेश निर्गत किए गए। हालांकि उसमें क्या कार्रवाई हुई यह अभी तक साफ नहीं है।
उक्त तथाकथित बाबू की जिन-जिन विभागों में नियुक्ति रही वहां इसके द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जांच के आदेश भी हुए लेकिन जांच कहीं ठंडे बस्ते में दबी पड़ी है।? या फिर यूं कहे की यह उक्त तथाकथित बाबू का प्रभाव ही है जो अब तक इसके विरुद्ध हुए जांच के आदेशों को दबाकर रखा हुआ है।
एक बार फिर उक्त बाबू के विरुद्ध जांच कर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश नगरायुक्त द्वारा दिए गए हैं।
अब मामला नगर निगम की गौशाला में व्याप्त भ्रष्टाचार का है जहां उक्त बाबू के द्वारा जमकर गोलमाल किया जा रहा है। मामला गौशाला प्रभारी निगम में तैनात पशु चिकत्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ० संदीप मिश्रा को जूते से पीटे जाने का है। जिसकी लिखित शिकायत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा नगरायुक्त संजय चौहान से की गई थी।
इसपर नगरायुक्त ने उक्त लिपिक की जांच करने के आदेश अपर नगरयुक्त राजेश यादव को सौंपी है। सूत्रों के अनुसार गौशाला के अंदर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा था जिसपर गौशाला प्रभारी संदीप मिश्रा अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे थे। इसी से खिन्न होकर उक्त लिपिक ने सहकर्मियों के साथ मारपीट की और डॉ संदीप मिश्रा को जूते से मारने की धमकियां दीं। नगर निगम में चंद ही अधिकारी हैं जो बे दाग़ हैं। उनमें से एक पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ संदीप मिश्रा भी हैं।
सूत्रों के अनुसार उक्त तथाकथित बाबू की सहारनपुर के सरसावा स्थित खेती की भूमि है जहां वह नगर निगम के कर्मियों से रोब-रूआब डालकर जबरन अपने खेतों में काम कराता रहता है। खेत में काम न करने पर गौशाला में नियुक्त इसके अधीन कर्मियों के साथ मारपीट करता है। एक मामूली बाबू के पास लंबी चौड़ी खेती की भूमी कहां से आई यह भी अपने आप में जांच का विषय है। क्या सरकारी निगम कर्मचारियों से अपने खेतों पर काम करना न्यायोचित है?
यही नहीं अपने ही खेत से चारे की आपूर्ति भी गौशाला को करते हुए निगम का धन उक्त तथाकथित बाबू द्वारा लंबे समय से डकारा जा रहा है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि गौशाला को दान में मिल रही रकम और सामग्री भी उक्त लिपिक द्वारा डकारी जा रही है। गोवंश की संख्या भी गौशाला में घट गई है।
सूत्रों के अनुसार विगत तीन दिन पूर्व उक्त लिपिक द्वारा निगम कर्मियों को अपने खेत पर काम नहीं करने पर सजा दी गई। पांच मिनट देरी से आने की स्थिति में उनकी पिटाई करने तथा उनकी तनख्वाह रुकवाने की शिकायत प्रकाश में आई है। उद्यान कर्मियों द्वारा जबरन अपने खेत में काम करवाने और मारपीट करने की शिकायत पशु चिकित्सा अधिकारी से करने की स्थिति में एक बार पुनः कर्मियों की पिटाई उक्त के द्वारा की गई।
यहां तक की डॉ संदीप मिश्रा को भी जूते से पीटने की बात कहकर सहकर्मियों को डराया धमकाया गया। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर संदीप मिश्रा को जूते से पीटने की बात उक्त लिपिक द्वारा की गई। डॉ० मिश्रा ने इसकी लिखित शिकायत नगरायुक्त संजय चौहान से की थी। उक्त प्रकरण की जांच प्रारंभ हुई तब उन निगम कर्मियों के बयान दर्ज करते हुए मामले की पुष्टि हो गई है।
सूत्रों की माने तो नगरायुक्त संजय चौहान ने उक्त घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए अपर नगरायुक्त राजेश यादव को जांच पूर्ण करने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने के मौखिक आदेश भी निर्गत किए हैं। अब देखना यह है कि उक्त तथाकथित लिपिक सहित कुछ निगम कर्मियों के बने गिरोह से नगर निगम प्रशासन कैसे निपटने में सफल होता है। या फिर निगम की चिर-परिचित कार्यशैली को अपनाते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे अन्य भ्रष्टाचारियों की तरह उक्त लिपिक को भी अभयदान दिया जाता है।
वैसे इस बार लगता है ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया? उक्त लिपिक के विरुद्ध लंबित पिछली अनेक जांच की कार्यवाही को छोड़ दें तब भी इस बार कार्यवाही लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है। वैसे सूचना तो यहां तक है कि भ्रष्ट लिपिक अपनी जान बचाने के लिए अपने राजनीतिक आकाओं के चक्कर लगा रहा है। जब कि बताया जाता है कि वर्तमान नगरायुक्त संजय चौहान की कार्यशाली पूर्व में नियुक्त रहे नगरायुक्तों से भिन्न है, ऐसा सूत्रों का कहना है।
बताया जा रहा है जांच पूरी हो चुकी है कभी भी जांच के सापेक्ष उक्त तथागत भ्रष्टाचारी लिपिक के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के अतिरिक्त सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। इस बार डॉ संदीप मिश्रा से किया पंगा उक्त लिपिक को भारी पड़ने की पूरी-पूरी संभावना है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।