PM Modi Mann ki Baat: मीसा के तहत किसी को भी किया जा सकता है गिरफ्तार…मन की बात में इमरजेंसी पर बोले पीएम मोदी, सुनाई अटल और मोरारजी की बातें
पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में आपातकाल का जिक्र किया। इतिहास के पन्नों को पलटते हुए उन्होंने कई ऐसी बातें साझा कीं, जो आपातकाल के दौर की काली सच्चाई को उजागर करती हैं।
PM Modi Mann ki Baat: इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी ने हर बार की तरह ‘मन की बात’ के जरिए देश की जनता से सीधा संवाद किया। यह संवाद हर बार से थोड़ा अलग था। क्योंकि इस बार उन्होंने इतिहास के पन्नों को पलटकर लोगों को आपातकाल के बारे में बताने की कोशिश की। उन्होंने इतिहास की कुछ ऐसी झलकियां पेश कीं जो आपातकाल के काले दौर को बयां करती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि वो दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने न सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाकर रखना चाहा। आपातकाल के दौरान लोगों को काफी तकलीफें झेलनी पड़ीं। उन्होंने इतिहास के पन्नों से धूल साफ करते हुए कुछ उदाहरण भी पेश किए।
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विश्व के इतिहास में भी नहीं है इसका कोई उदाहरण – मोरारजी देसाई
इंदिरा गांधी सरकार के दौरान लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह एक काला सच है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने उस समय देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के भाषण की एक क्लिप साझा की। जिसमें मोरारजी देसाई कहते हैं कि आपातकाल के दौरान लोगों को कई अत्याचारों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इस आपातकाल में लोगों की आजादी छीन ली गई थी। यहां तक कि सरकार के खिलाफ लिखने वाले अखबारों को बंद कर दिया गया था। इतना ही नहीं, उस समय अदालतें भी बंद कर दी गई थीं। अपने अधिकारों के लिए बोलने वाले एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में डाल दिया गया था। इंदिरा गांधी की सरकार ने अपनी मर्जी से देश पर शासन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में भी इसका उदाहरण मिलना मुश्किल है।
जन-भागीदारी की शक्ति से, बड़े-बड़े संकटों का मुकाबला किया जा सकता है। मैं आपको एक audio सुनाता हूँ, इस audio में आपको उस संकट की भयावहता का अंदाजा लगेगा। वो संकट कितना बड़ा था, पहले वो सुनिए, समझिए।#PMonAIR #MannKiBaat #MKBonAkashvani #Emergency #SamvidhanHatyaDiwas pic.twitter.com/VmXVTDoGBF
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) June 29, 2025
मीसा के तहत किसी को भी किया न सकता था गिरफ्तार
पीएम ने कहा कि आपातकाल के दौरान मीसा के तहत किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इसके तहत कई लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें कई तरह की यातनाएं सहनी पड़ीं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राजनेता जॉर्ज फर्नांडिस को भी सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें जंजीरों में बांध दिया था। इस दौरान उन्हें कई तरह की कठोर यातनाएं दी गईं। पीएम ने कहा कि इतना कुछ होने के बाद भी भारत की जनता उनके आगे नहीं झुकी और लोकतंत्र से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने वाले हार गए और जनता जीत गई।
मीसा का पूरा नाम मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट है। यह कानून 1971 में आपातकाल के दौरान संसद द्वारा पारित किया गया था। इस कानून के तहत सरकार को बिना नोटिस के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार था। आपातकाल के दौरान इस कानून का खूब इस्तेमाल किया गया।
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लोकतंत्र की हत्या करने वाले इतिहास के कूड़ेदान में हैं
मन की बात में पीएम ने देश के पहले उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी की क्लिप भी शेयर की। जगजीवन राम ने देश की जनता से कहा कि पिछला चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि भारत की जनता का महाअभियान था। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने तानाशाही की हवा को मोड़ दिया और भारत में लोकतंत्र की नींव को भी मजबूत किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल वाजपेयी ने आपातकाल के बारे में कहा कि देश में जो कुछ भी हुआ उसे सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि शांतिपूर्ण क्रांति कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनशक्ति की लहर ने लोकतंत्र के हत्यारों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है।
अटल जी ने भी तब अपने ही अंदाज में जो कुछ कहा था, वो भी हमें जरूर सुनना चाहिए।#PMonAIR #MannKiBaat #MKBonAkashvani #Emergency #SamvidhanHatyaDiwas pic.twitter.com/maExH5gGJ5
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) June 29, 2025
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आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को रखना चाहिए याद
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही देश में आपातकाल के 50 साल पूरे हुए और हम देशवासियों ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया। हमें उन लोगों को याद करना चाहिए जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। इससे हमें अपने संविधान की रक्षा करने की प्रेरणा मिलती है।
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