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UP News: 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर जैसे आया फैसला मायावती ने संभाला मोर्चा!

As soon as the decision came on the 69000 teacher recruitment case, Mayawati took charge!

UP News: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) के फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें राज्य सरकार द्वारा जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी सहायक शिक्षक चयन सूचियों को अमान्य कर दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने रवि कुमार सक्सेना और 51 अन्य द्वारा दायर याचिका पर राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सहित अन्य को नोटिस (Notice) भी जारी किए।

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानि 9 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने कहा कि सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रुख अपनाए। UP की पूर्व CM मायावती ने मंगलवार यानि आज 10 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा कि UP शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। साथ ही सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रुख अपनाए, ताकि इनके साथ कोई भी नाइंसाफी न हो।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने आरक्षण क्लॉज के अनुसार नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद से राज्य में इस फैसले का फायदा और नुकसान उठाने वाले लोग आंदोलन कर रहे हैं। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कुछ कैंडिडेट सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई करेगा

आपको बता दें इलाहाबाद हाई कोर्ट ( allahabad high court) की लखनऊ पीठ में एक वाद दायर किया गया था जिसमें कोर्ट पर 69,000 शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया था। सरकार और अन्य संबंधितों को आदेश दिया गया कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए। हाई कोर्ट ने कहा नई चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।

Pramod Sharma

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