Atishi on Manish Sisodia Bail: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है। अरविंद केजरीवाल के बाद सिसोदिया आम आदमी पार्टी में नंबर-2 रहे हैं। फिलहाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल में ही हैं। आम आदमी पार्टी के नेता इसे सत्य की जीत बता रहे हैं। इस बीच, दिल्ली की शिक्षा मंत्री और आप नेता आतिशी मनीष सिसोदिया का जिक्र करते हुए भावुक हो गईं।
मनीष सिसोदिया की ज़मानत पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, “उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल में रखा गया। आज का दिन भारत के इतिहास में, भारत की शिक्षा क्रांति के इतिहास में दर्ज होगा।” यह कहते हुए आतिशी की आंखों में आंसू आ गए। कुछ देर वह चुप रही और फिर पानी का घूंट पीने के बाद आतिशी ने अपनी बात आगे बढ़ाई।
आतिशी ने बताया सिसोदिया को शिक्षा क्रांति का जनक
उन्होंने कहा, ‘आज मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है। आज सत्य की जीत हुई है, दिल्ली के छात्रों की जीत हुई है…उन्हें इसलिए जेल में डाला गया क्योंकि उन्होंने गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। आज सत्य की जीत हुई है, शिक्षा की जीत हुई है। जिस स्कूल का शिलान्यास मनीष सिसोदिया ने किया था, उसका आज उद्घाटन हो रहा है।’ इस दौरान आतिशी ने सिसोदिया को शिक्षा क्रांति का जनक बताया।
डेढ़ साल बाद जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है, लेकिन सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बेल बॉन्ड और दो जमानती जमा कराने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया की जमानत के मामले में सुनवाई में देरी को मुख्य आधार बताया। सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय तक प्री-ट्रायल हिरासत को गंभीरता से लिया और कहा कि जमानत एक नियम है, जबकि जेल अपवाद है। कोर्ट ने कहा कि हमने लंबी अवधि के कारावास पर विचार किया। निकट भविष्य में मुकदमा खत्म नहीं होगा। अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट में वापस भेजना उसके साथ सांप-सीढ़ी का खेल खेलने जैसा होगा। किसी व्यक्ति को एक जगह से दूसरी जगह भागने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मनीष को लंबे समय से जेल में रखा गया है। बिना सजा के किसी को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। कोर्ट में जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई ने मांग की कि जमानत के बाद सिसोदिया को सीएम ऑफिस नहीं जाना चाहिए। इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।