Badaun Memorial: इस शहीद स्मारक की वीरगाथा सुनकर आपके आंसू नहीं थमेंगे पढ़े पूरी खबर..
Badaun न्यूज़ इन हिंदी! बदायूं थाना कादरचौक क्षेत्र के गांव भूड़ा भदरौल में वर्ष 1978 में डकैतों से हुई मुठभेड़ में सीओ समेत तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे उनके सम्मान में जनता ने शहीद स्मारक बनवाया यहां आज भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है
बदायूं जिले में करीब 43 साल पहले हुई मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों की याद में कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव भूड़ा भदरौल में शहीद दिवस मनाया गया ग्रामीणों समेत आयोजकों ने यहां बने शहीद स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए एसडीएम व सीओ ने स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाया पुलिस कर्मियों ने शस्त्र झुकाकर सलामी दी थाना अध्यक्ष वेदपाल सिंह,एसडीएम सदर एसपी वर्मा व सीओ शक्ति सिंह ने कार्यक्रम में पहुंची शहीद कांस्टेबल रामदास की पुत्री नीलम और उनके दामाद विपिन आर्य को शॉल भेंट की शहीद रामदास की पत्नी वृद्धावस्था और स्वास्थ्य खराब होने के कारण नहीं आ सकीं हालांकि वह हमेशा इस कार्यक्रम में आती रही हैं.
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रामदास जब शहीद हुए थे तो बेटी उनकी पत्नी के गर्भ में थी उनकी इकलौती संतान नीलम ही है.शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने उस समय की घटना को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया तो सभी की आंखें नम हो गई उन्होंने बताया कि पुलिस की शहादत पर यह इकलौता शहीद स्थल है जिसे जनता ने बनवाया था सीओ शक्ति सिंह ने शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में कहा कि कटरी को बदमाशों से मुक्त कराने में सीओ आरएन पांडेय समेत तीनों पुलिस कर्मियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं सकता है.