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Bageshwar Lepoard Terror : बागेश्वर में आतंक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग ने किया ट्रेंकुलाइज, तीन साल की मासूम को बनाया था शिकार

Guldar, synonymous with terror in Bageshwar, was tranquilized by the Forest Department, had made a three year old innocent victim.

Bageshwar Lepoard Terror : जिले के कांडा तहसील क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से आतंक का पर्याय बने गुलदार को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया है। गुलदार ने हाल ही में एक तीन साल की मासूम बच्ची को अपना शिकार बनाया था, जिसके बाद से पूरे इलाके में भय और चिंता का माहौल था। वन विभाग की इस सफलता से ग्रामीणों और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

तीन साल की मासूम का शिकार बना था गुलदार

यह घटना बागेश्वर जिले के धरमघर रेंज के ओलनी गांव की है, जहां बीते दिनों गुलदार ने तीन साल की मासूम बच्ची योगिता उप्रेती को अपना शिकार बना लिया था। इस घटना ने पूरे गांव और आसपास के इलाकों में भय का माहौल पैदा कर दिया था। गांव के लोग गुलदार के आतंक से दहशत में थे, और उन्हें अपने बच्चों और मवेशियों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी थी।

वन विभाग की कार्रवाई

मासूम बच्ची की मौत के बाद, वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने के लिए सघन अभियान शुरू किया। विभाग की टीम तीन दिन से लगातार क्षेत्र में गश्त कर रही थी, लेकिन गुलदार को पकड़ने में कामयाब नहीं हो रही थी। इस दौरान गुलदार ने एक मवेशी को भी मार डाला था, जिससे उसकी सक्रियता का पता चला। वन विभाग ने तुरंत उस स्थान पर मचान तैयार किया और गुलदार के लौटने का इंतजार किया।

ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा गया गुलदार

कांडा के ओलनी गांव में वन विभाग की टीम ने अंततः गुलदार को पकड़ने में सफलता हासिल की। वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती और उनकी टीम ने देर शाम मवेशी की लाश के पास भोजन के लिए आए गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर दिया। गुलदार को बेहोश करने के बाद उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया और इलाके के लोग इस खबर से राहत महसूस करने लगे।

डीएफओ ने दी जानकारी

वन विभाग के डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने पुष्टि करते हुए कहा, “गुलदार को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है। यह वही गुलदार था जिसने कुछ दिन पहले तीन साल की मासूम बच्ची को अपना शिकार बनाया था। हमारी टीम तीन दिन से इस मिशन पर काम कर रही थी, और आखिरकार आज इसे पकड़ने में सफल रही।”

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

गुलदार के पकड़े जाने के बाद गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। लगातार गुलदार के खौफ के साये में जी रहे ग्रामीण अब अपने घरों में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए उनका धन्यवाद किया और उम्मीद जताई कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे।

Mansi Negi

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