देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए अगले वर्ष से नये नियम बनने जा रहे हैं। वर्ष 2023 से कोई भी तीर्थयात्री साल में केवल एक बार ही चारधाम यात्रा कर सकेंगे। इस साल चारधाम यात्रा में अब तक सबसे ज्यादा रिकार्ड 42 लाख तीर्थयात्री आ चुके हैं। उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज ने यह जानकारी दी। उन्होने गढी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में समीक्षा बैठक की। इस बैठक में पर्यटन विकास योजनाओं व शीतकालीन यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की गयी। पर्यटन मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पंजीयन में बदलाव कर उसे आधार कार्ड से जोड़ने के निर्देश दिये।
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प्रदेश में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत वर्ष 2014 को शुरु हुई थी। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने पर शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदरनाथ के ऊखीमठ और पांडुकेश्वर में होता है।
सतपाल जी महाराज ने कहा कि बाबा अमरनाथ की तर्ज पर चमोली जिले की नीति घाटी स्थित टिंवर सैंण महादेव की यात्रा को बढावा दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होने जनपद रुद्रप्रयाग के शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगी नारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रुप में विकसित किये जा रहे कार्यों को बारे में भी जानकारी ली।