Uttarpradesh News: मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की, दिए अहम निर्देश
Uttarpradesh News : मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री आवास योजना, आंगनबाड़ी भर्ती, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना और चिकित्सा विभाग में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक समेत अहम मुद्दों की समीक्षा की।
Uttarpradesh News : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, चिकित्सा विभाग में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक, और सर्किल रेट के पुनरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने इन सभी मामलों में तेजी लाने और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को मिले शीर्ष प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने “जीरो पावर्टी अभियान” के तहत चिन्हित किए गए गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना का पोर्टल 30 मार्च तक खुला है, ऐसे में सभी जिलाधिकारी इस योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए पात्र लाभार्थियों की पहचान करें और उन्हें योजना से जोड़ें।
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उन्होंने सभी ब्लॉक विकास अधिकारियों (BDO) को इस कार्य में सक्रिय रूप से शामिल करने को कहा ताकि सत्यापन का कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी पात्र परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। इसी के साथ, जिन गरीब परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उनका भी सत्यापन कराकर राशन कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए।
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आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द करें पूरी
बैठक के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी इस कार्य को स्वयं देखें और इसे निचले स्तर पर न छोड़ें। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा किया जाए ताकि नई नियुक्तियों का लाभ जनता को मिल सके।
उन्होंने सुझाव दिया कि जिन जिलों में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से नियुक्ति पत्रों का वितरण कराया जाए। इसके अलावा, जिन जिलों में अभी भी भौतिक सत्यापन लंबित है, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में बताया गया कि मथुरा, बस्ती, मऊ, देवरिया और बिजनौर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के चयन की सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। वहीं, मुरादाबाद और प्रयागराज में आंशिक रूप से कार्य संपन्न हुआ है, जबकि अन्य 68 जिलों में ऑनलाइन प्रमाण पत्रों का सत्यापन 100% पूरा हो चुका है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लंबित मामलों का जल्द निस्तारण करें
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना और रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत लम्बित आवेदनों की समीक्षा करने और उनके निस्तारण के निर्देश दिए।
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उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के तहत 9 जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को 1 लाख से 10 लाख रुपये तक की क्षतिपूर्ति दी जाती है। इस योजना में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, फिर भी कई जिलों में मामले लंबित हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी स्वयं इन मामलों की समीक्षा करें और त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें, ताकि पीड़ित महिलाओं को शीघ्र राहत मिल सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 1 जनवरी 2025 को आईसीडीएस विभाग के एसएनए खाते में 275.16 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए थे। 22 जनवरी 2025 से लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी (DBT) के माध्यम से भुगतान शुरू किया गया और अब तक 4,05,379 लाभार्थियों को कुल 135.31 करोड़ रुपये अंतरित किए जा चुके हैं।
प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि राजकीय चिकित्सकों द्वारा की जा रही प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूर्णत: रोक लगाई जाए।
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उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों के लिए प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है, जिसे सभी जिलों में सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। जिलाधिकारियों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ शिकायतों की नियमित मॉनिटरिंग करने और दोषी पाए जाने पर शासन को कार्यवाही का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए।
बैठक में बताया गया कि अब तक 75 में से 56 जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिनमें स्वास्थ्य विभाग के 29 डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षा विभाग के 2 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
डीएम सर्किल रेट का शीघ्र पुनरीक्षण करें
मुख्य सचिव ने कहा कि डीएम सर्किल रेट का पुनरीक्षण हर वर्ष अगस्त में किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि जहां कई वर्षों से सर्किल रेट में संशोधन नहीं हुआ है, वहां इसे प्राथमिकता से पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि सर्किल रेट को मार्केट रेट के करीब रखा जाना चाहिए, ताकि भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। इससे किसानों के हितों की रक्षा होगी और उन्हें उनकी जमीन का सही मूल्य मिलेगा।
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