CM Yogi Poster in Nepal: हजारों लोगों की भीड़ में सीएम योगी के पोस्टर, दुनियाभर में क्यों हो रही चर्चा
नेपाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह की रैली में योगी के पोस्टर दिखाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों ट्रेंड कर रहे हैं यूपी के सीएम और नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह...
CM Yogi Poster in Nepal: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों पड़ोसी देश नेपाल में चर्चा में हैं। योगी के एक पोस्टर ने नेपाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं नेपाल में पोस्टर विवाद क्या है और क्यों यूपी चीफ और नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ट्रेंड कर रहे हैं…
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत में 10 मार्च को राजधानी काठमांडू में एक रैली का आयोजन किया गया था। देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद 77 वर्षीय ज्ञानेंद्र रविवार को पोखरा से सिमरिक एयर के हेलीकॉप्टर से जैसे ही त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत हजारों समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाने शुरू कर दिए।
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रैली का उद्देश्य नेपाल में राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र के लिए समर्थन दिखाना था। एयरपोर्ट के बाहर सड़क के दोनों ओर ज्ञानेंद्र की तस्वीर और राष्ट्रीय ध्वज लिए मोटरसाइकिल पर सवार सैकड़ों समर्थकों ने उनका स्वागत किया। कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी दिखाई। कार्यक्रम के कुछ ही देर बाद ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
लोगों ने पोस्टर का किया विरोध
पोस्टर पर भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर लगाए जाने की इंटरनेट मीडिया पर कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों ने भी कड़ी आलोचना की है। नेपाल में कुछ लोग इसे इस बात का संकेत मान रहे हैं कि भारत उन पर नज़र रख रहा है। ज्ञानेंद्र शाह ने जनवरी में उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी।
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इस आलोचना के बाद, आरपीपी प्रवक्ता ज्ञानेंद्र शाही ने आरोप लगाया कि आदित्यनाथ की तस्वीर का प्रदर्शन केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राजशाही समर्थक आंदोलन को बदनाम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
आरोपी पीएम ओली
उन्होंने ओली सरकार पर आंदोलन में घुसपैठ करने का आरोप लगाया। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री केपी ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल के निर्देश और ओली की सलाह पर रैली में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर प्रदर्शित की गई थी। हालांकि, रिमल ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया।
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उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि यह अयोग्य लोगों द्वारा गलत सूचना के माध्यम से भ्रम पैदा किया गया था, जो गलती से खुद को जिम्मेदार पदों पर पा गए थे।
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