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Cold wave intensifies in Uttarakhand: उत्तराखंड में ठंड का प्रकोप बढ़ा: कोहरे और ठिठुरन ने बढ़ाई मुश्किलें

Cold wave intensifies in Uttarakhand: इन दिनों उत्तराखंड में ठिठुरन अपने चरम पर है। कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या पर असर डाला है, वहीं घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है, जिससे ठिठुरन का असर और गहराएगा।

Cold wave intensifies in Uttarakhand: हल्द्वानी: उत्तराखंड में इन दिनों सर्दी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड के साथ-साथ घना कोहरा छाने से विजिबिलिटी में भारी कमी देखी जा रही है। इससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि सड़क पर यात्रा करना भी जोखिम भरा हो गया है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड में और इजाफे की चेतावनी दी है।

कोहरे से विजिबिलिटी में कमी

मैदानी इलाकों, विशेष रूप से कुमाऊं मंडल में, सुबह और शाम को कोहरे की मोटी चादर छाई हुई है। इससे विजिबिलिटी काफी कम हो गई है, जिससे सड़क हादसों की आशंका बढ़ गई है। वाहन चालक सतर्कता बरतते हुए लाइट जलाकर वाहन चला रहे हैं। देहरादून में भी सुबह और शाम को कोहरे की स्थिति बनी रहने की संभावना है, हालांकि दिन में आसमान साफ रहेगा।

पर्वतीय इलाकों में बढ़ती ठिठुरन

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। सुबह और शाम के समय ठिठुरन चरम पर है, और तापमान तेजी से गिर रहा है। हालांकि, दोपहर के समय तेज धूप खिलने से कुछ राहत मिलती है, लेकिन शाम होते ही ठंड फिर से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देती है। पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की उम्मीद भी जताई जा रही है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।

Cold wave intensifies in Uttarakhand: Fog and chill increase difficulties.

तापमान का उतार-चढ़ाव

मौसम विभाग के अनुसार, मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान 4 से 5 डिग्री और अधिकतम 15 से 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। रात के समय तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है, जिससे लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।

पश्चिमी विक्षोभ की संभावना

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 15 दिसंबर के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड में सक्रिय हो सकता है। इस विक्षोभ के कारण पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, मौजूदा समय में पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश की कमी दर्ज की गई है, जिसका असर बर्फबारी पर भी पड़ रहा है। इस मौसम में बर्फबारी के इंतजार में लोग ठंड के बावजूद उम्मीद लगाए बैठे हैं।

स्वास्थ्य पर असर और सावधानियां

सर्दी के इस मौसम में लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। ठंड के कारण वायरल बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। अस्पतालों में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार और गर्म कपड़ों का उपयोग बेहद जरूरी है।

जनजीवन पर ठंड का असर

ठंड और कोहरे के कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। स्कूलों और कार्यालयों में लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं। सुबह और शाम के समय बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है, जबकि दोपहर में थोड़ी चहल-पहल देखी जा सकती है। किसान भी इस ठंड के असर से चिंतित हैं, क्योंकि फसलों पर ठंड का सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

उत्तराखंड में ठंड का यह दौर अभी जारी रहने की संभावना है। कोहरे और गिरते तापमान के चलते लोगों को सतर्क रहने और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। आगामी दिनों में मौसम का मिजाज और भी ठंडा हो सकता है, ऐसे में प्रशासन और स्थानीय लोग दोनों ही तैयारियों में जुटे हुए हैं।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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