नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना केस की बढ़ती रफ्तार लोगों को डरा रही है. रोजाना 1000 से ज्यादा केस मिल रहे है. जिससे लोग टेंशन में आ गये है. पिछले 2 सालों से पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है. देश में तीसरी लहर के बाद चौथी लहर का खतरा जताया जा रहा है. अब स्कूल भी खोल दिए गये है लेकिन स्कूल में बच्चों को सावधानी बरतनी पड़ेगी.
एक्सपर्ट ने दी राय
हेल्थ एक्सपर्ट ज्यादा चिंतित नहीं हैं। सोमवार को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,076 नए मामले सामने आए. राहत की बात यह है कि महामारी से मौत का नया मामला दर्ज नहीं किया गया. 24 घंटे में टेस्ट बहुत ज्यादा नहीं हो रहे और संक्रमण दर बढ़कर 6.42 प्रतिशत हो गई है. दिल्ली में कोरोना बढ़ा तो कोरोना की अगली लहर की चर्चाएं शुरू हो गईं. हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि अचानक केस बढ़ना शहर में अगली कोरोना लहर का संकेत नहीं है.
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एक्सपर्ट ने कहा घबराने की जरुरत नहीं
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने अनुमान लगाया है कि एक हफ्ते तक कोरोना के नए केस बढ़ सकते हैं और उसके बाद कम होने लगेंगे. कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड और इस नए वेरिएंट से क्लिनिकल रिकवरी की अवधि महज 4-5 दिन की है. ऐसे समय में जब आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है, और एक व्यक्ति 200 लोगों को संक्रमित कर सकता है. जितनी तेजी से संक्रमण होता है, उतनी तेजी से केस नीचे भी आएंगे. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बहुत कम मरीजों को भर्ती करने की नौबत आई है और ऐसे में घबराने की कोई जरूरत नहीं है.