UTTARAKHAND ROAD ACCIDENT: नैनीताल जिले में 740 किलोमीटर पर्वतीय सड़कों पर नहीं लगे क्रैश बैरियर, हादसों का बना खतरा
UTTARAKHAND ROAD ACCIDENT: नैनीताल जिले में 740 किलोमीटर लंबी पर्वतीय सड़कों पर क्रैश बैरियर की कमी सड़क हादसों का बड़ा कारण बन रही है। 688 किलोमीटर लंबे स्टेट हाईवे में सिर्फ 129 किलोमीटर पर ही बैरियर लगे हैं, जबकि 539 किलोमीटर बिना सुरक्षा के हैं। मुख्य जिला मार्गों की 236 किलोमीटर लंबाई में से मात्र 34 किलोमीटर पर बैरियर हैं। हाल ही में भीमताल में हुए बस हादसे, जिसमें पांच लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए, ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन की योजनाएं बजट और स्वीकृति में देरी के चलते अधूरी हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है।
UTTARAKHAND ACCIDENT NEWS: उत्तराखंड के नैनीताल जिले की सड़कें जहां पर्यटन की दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखती हैं, वहीं इन सड़कों पर सुरक्षा के अभाव ने दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ा दी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण तो किया जाता है, लेकिन अक्सर इन पर सुरक्षा के लिए जरूरी क्रैश बैरियर नहीं लगाए जाते। इसका नतीजा यह होता है कि यहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली जाती है।
नैनीताल की सड़कों पर सुरक्षा का अभाव
नैनीताल जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 18 स्टेट हाईवे हैं, जिनकी कुल लंबाई 688 किलोमीटर है। हालांकि, इनमें से सिर्फ 129 किलोमीटर की सड़कों पर ही क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। शेष 539 किलोमीटर सड़कें बिना किसी सुरक्षा के हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, जिले में 11 मुख्य जिला मार्ग हैं, जिनकी कुल लंबाई 236 किलोमीटर है। इनमें से केवल 34 किलोमीटर में ही क्रैश बैरियर मौजूद हैं, जबकि 202 किलोमीटर सड़कें बिना बैरियर के हैं।
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हाल के हादसे और प्रशासन की लापरवाही
हाल ही में भीमताल थाना क्षेत्र में हुए बस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह हादसा सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे सुरक्षा की कमी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। नैनीताल जैसे पर्यटन क्षेत्र में सड़कों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और विभागों की लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है।
क्रैश बैरियर लगाने की योजना और बाधाएं
नैनीताल पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता प्रह्लाद सिंह बृजवाल के अनुसार, पहाड़ी सड़कों पर पैराफिट के बजाय क्रैश बैरियर लगाने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत 161 किलोमीटर सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने की स्वीकृति मिल चुकी है। हालांकि, बाकी सड़कों के लिए बजट और स्वीकृति का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, अन्य सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
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दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण
नैनीताल जिले में सड़क हादसों का मुख्य कारण सड़कों के किनारे सुरक्षा के अभाव को माना जा रहा है। खासकर बारिश के मौसम में और घुमावदार सड़कों पर वाहन फिसलकर खाई में गिर जाते हैं। क्रैश बैरियर न होने के कारण ये दुर्घटनाएं जानलेवा साबित होती हैं।
स्थानीय जनता की मांग
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि नैनीताल जिले जैसे पर्यटन स्थल पर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाकर दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि सुरक्षा के प्रति गंभीर होकर जल्द से जल्द क्रैश बैरियर लगाने की प्रक्रिया पूरी की जाए।