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Devotees gathered in Haridwar on Kartik Purnima: हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

Devotees gathered in Haridwar on Kartik Purnima: धर्मनगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए उमड़ पड़े हैं। इस पवित्र अवसर पर मां गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है, और इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर अपने जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना कर रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में आध्यात्मिक शुद्धता का अनुभव होता है।

गंगा स्नान का धार्मिक महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि देव दीपावली के इस विशेष अवसर पर देवता भी मानव रूप में आकर गंगा स्नान करते हैं। इस दिन स्नान और पूजा-अर्चना से व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। इसके अतिरिक्त, श्रद्धालु भगवान विष्णु और भगवान कार्तिकेय की आराधना करते हुए दीपदान कर रहे हैं, जो अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाला माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें चंद्रमा आधारित कष्टों से मुक्ति मिलती है।

पवित्र तिथि के ऐतिहासिक और पौराणिक संदर्भ

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय ने राक्षसों को पराजित कर विजय प्राप्त की थी, और इसी उपलक्ष्य में उन्होंने अपनी विजय पताका फहराई थी। इस पवित्र तिथि पर गंगा स्नान करने के साथ-साथ तुलसी पत्र और चांदी का पात्र दान करने से भी असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि इसके माध्यम से समाज में सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का संदेश भी दिया जाता है।

हरिद्वार में सुरक्षा व्यवस्था और विशेष इंतजाम

हरिद्वार में इस विशाल जनसमूह को नियंत्रित करने और सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के लिए पुलिस ने विशेष प्रबंध किए हैं। एसपी क्राइम पंकज गैरोला के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए हरिद्वार पुलिस ने मेला क्षेत्र को 9 जोन और 33 सेक्टर में विभाजित कर सुरक्षा बलों की तैनाती की है। इससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम स्नान का अनुभव मिल सकेगा। इसके साथ ही, ट्रैफिक को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के गंगा घाटों तक पहुंच सकें। इन सुरक्षा प्रबंधों से हरिद्वार में आए श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिला है।

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

हरिद्वार के प्रमुख गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। विभिन्न राज्यों और स्थानों से लोग इस पुण्य स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद भगवान विष्णु और भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। गंगा घाटों पर दीपदान करते हुए श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक माहौल में अपने पवित्र भाव व्यक्त किए। यह भी देखा गया कि श्रद्धालु परिवार के सुख-शांति और समृद्धि के लिए भगवान से आशीर्वाद मांग रहे हैं।

हरिद्वार की खासियत और भक्तों की भक्ति

हरिद्वार के कार्तिक पूर्णिमा पर्व की यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है और इसे बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में गंगा स्नान करना इस पर्व का मुख्य आकर्षण है और यह पर्व हरिद्वार के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ा देता है। श्रद्धालु इसे एक अनूठा अवसर मानते हैं, जो न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

इस पर्व पर हरिद्वार में जो भक्ति, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का माहौल है, वह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व धर्म और आस्था की शक्ति को प्रदर्शित करता है और हरिद्वार में इस दिन का माहौल भक्तों के लिए अत्यधिक आकर्षण और शांति का अनुभव प्रदान करता है।

Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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