Assembly Election 2024: महाराष्ट और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ने ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र (कुल सीट – 288) में एक चरण में 20 नवंबर और झारखंड (कुल सीट – 81) में दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा। दोनों जगह 23 नवंबर को मतगणना होगी। महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन और झारखंड में महागठबंधन की सरकार है।
झारखंड चुनाव का पूरा कार्यक्रम
महाराष्ट्र चुनाव का पूरा कार्यक्रम
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन सत्ता में
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो जाएगा। झारखंड की बात करें तो राज्य में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 5 जनवरी को खत्म होने वाला है। फिलहाल महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन सत्ता में है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना, बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के साथ डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई में सरकार चल रही है।
2019 में महाराष्ट्र में हुए थे चुनाव हुए
वहीं, अगर महाराष्ट्र में विपक्ष की बात करें तो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सत्ता में वापसी की तैयारियों में जुटा है। महा विकास अघाड़ी में उद्धव बालासाहेब ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं। महाराष्ट्र में साल 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे। नतीजे सामने आए तो महाराष्ट्र की राजनीति की रूपरेखा पूरी तरह बदल गई।
महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी
2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। और उसने 105 सीटें जीतीं, बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। शिवसेना ने 126 सीटों पर चुनाव लड़ा और 56 पर जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस ने 147 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उसने 44 सीटें जीतीं। जबकि एनसीपी ने 121 में से 54 सीटें जीतीं। नतीजों के ऐलान के बाद बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को बहुमत तो मिल गया लेकिन दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई। जिसके चलते यह गठबंधन टूट गया। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला है लिया। राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए सरकार बनी।
एमवीए सरकार सिर्फ चली ढाई साल ही
यह सरकार करीब ढाई साल चली और फिर शिवसेना विधायक और राज्य सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई में पार्टी के दर्जनों विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। असली शिवसेना होने का दावा करते हुए शिंदे ने भाजपा के साथ सरकार बनाई और राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। इस बीच एनसीपी में भी बगावत की स्थिति बन रही थी। पिछले साल जुलाई में अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एक गुट अलग हो गया। इसके ज्यादातर विधायक शिवसेना और भाजपा के एकनाथ शिंदे गुट की अगुआई वाली सत्तारूढ़ सरकार में शामिल हो गए। इस सरकार में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
साल 2019 में हुए झारखंड में विधानसभा चुनाव
झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। इस चुनाव में भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे। पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बड़ा राजनीतिक उलटफेर नहीं हुआ है, लेकिन इस दौरान झामुमो में हुए कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान खींचा। कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी से पहले ही सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी चंपई सोरेन की नए मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हुई थी।
झारखंड में देखने को मिल सकता है कांटे का मुकाबला
हालांकि जून में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चंपई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आ गई। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही चंपई सोरेन ने जेएमएम से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। झारखंड में बीजेपी का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) और जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन है। इस बार तीनों ही पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। इस गठबंधन का मुकाबला जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन से होगा।