Delhi Assembly Election 2025: नईदिल्ली सीट पर दिलचस्प होगा मुकाबला, केजरीवाल Vs संदीप दीक्षित….किसकी होगी जीत?
अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान किया कि नई दिल्ली से ही चुनाव लड़ेंगे और जीतने के बाद मुख्यमंत्री भी बनेंगे। उनके इस बयान ने कई तरह की कयासबाजी पर तो विराम लगा ही दिया। साथ में यह भी साफ कर दिया कि पूर्व सीएम के सामने इस बार दो पूर्व सीएम के बेटे मैदान में होंगे।
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा की नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री पद के लिए मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा चुनावी मैदान में हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
नई दिल्ली विधानसभा सीट पिछले 6 विधानसभा चुनाव से दिल्ली को मुख्यमंत्री देती आ रही है। 1998 से लेकर 2020 तक के चुनाव में यहां से जीते विधायक ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। पहले तीन टर्म शीला दीक्षित ने यहां से जीत हासिल की थी। यह सीट उनकी विरासत बन गई थी। बाद में यह केजरीवाल की सीट बन गई। वह यहां से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, इस बार लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है। दो पूर्व सांसद और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र वर्तमान विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
नई दिल्ली विधानसभा हमेशा से ही एक हाई प्रोफाइल सीट रही है। शीला दीक्षित ने 1998 से 2008 तक तीन बार विधायक के तौर पर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। तीनों बार चुनाव जीतने के बाद वे हर बार मुख्यमंत्री चुनी गईं। यहां से उनके चौथे चुनाव में केजरीवाल ने बाजी पलट दी और उन्हें यहां से पहली बार हार का सामना करना पड़ा। केजरीवाल ने उनकी विरासत में सेंध लगा दी। फिर 2013, 2015 और 2020 में हुए चुनाव में केजरीवाल यहां से विधायक बने और तीनों बार मुख्यमंत्री भी बने।
यही नहीं, शुक्रवार को एक न्यूज चैनल में अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान किया कि नई दिल्ली से ही चुनाव लड़ेंगे और जीतने के बाद मुख्यमंत्री भी बनेंगे। उनके इस बयान ने कई तरह की कयासबाजी पर तो विराम लगा ही दिया। साथ में यह भी साफ कर दिया कि पूर्व सीएम के सामने इस बार दो पूर्व सीएम के बेटे मैदान में होंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। संदीप के पास अपनी पुरानी विरासत को फिर से हासिल करने की भी चुनौती है।
प्रवेश वर्मा नई दिल्ली से भाजपा के उम्मीदवार होंगे
इस बीच, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पूर्व भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा नई दिल्ली से भाजपा के उम्मीदवार होंगे, क्योंकि सोशल मीडिया और पोस्टरों पर वे खुद को जिस तरह से पेश कर रहे हैं, उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है। बता दें कि प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। इसलिए उन पर भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है। रही बात कि अगर संदीप दीक्षित या प्रवेश वर्मा में से कोई जीतते हैं और अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो क्या उनकी पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर देख रही है?
दोनों खुद को मान रहे सीएम उम्मीदवार
इस पर सूत्रों का कहना है कि भविष्य में क्या होगा यह कहना मुश्किल है, मगर तथ्य यह है कि उनकी पार्टियों ने दोनों को केजरीवाल के खिलाफ खड़ा करने का फैसला किया है, जिससे पता चलता है कि वे दोनों खुद को सीएम पद के दावेदार के रूप में देखते हैं। पश्चिमी दिल्ली के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा किस कारण से अपने क्षेत्र की 10 विधानसभा सीटें छोड़कर नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं? इसी प्रकार, पूर्वी दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित ने केवल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव क्यों लड़ा, जबकि वह किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ सकते थे?