Delhi Election Latest News: दिल्ली की सत्ता से ‘आप’ बाहर, 27 साल बाद बीजेपी बहाल
शराब घोटाले में मुख्यमंत्री रहते हुए ना सिर्फ केजरीवाल जेल गये बल्कि पार्टी और सरकार में नंबर 2 की पोजिशन रखने वाले मनीष सिसोदिया को भी लंबे वक्त तक जेल की हवा खानी पडी और ये समझिये की वहीं से हवा का रुख बदलने लगा केजरीवाल की कट्टर ईमानदार छवि पर अपने भी सवाल उठाने लगे केजरीवाल लगातार भाजपा के जाल में फंसते चले गये। एक तरफ बीजेपी केजरीवाल को भ्रस्ट और कट्टर बेइमान कह कर प्रचारित करती रही दूसरी तरफ शराब घोटाले, मनिलॉडरिंग और शीशमहल के मुद्दे को कभी ठंडा नही पडने दिया।
Today delhi election news: दिल्ली विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने 27 साल बाद प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी कर ली है। 2013 से दिल्ली विधानसभा केजरीवाल का अभेद किला बन गया था तमाम प्रयासों के बावजूद बीजेपी दिल्ली में केजरीवाल को मात नही दे पा रही थी लेकिन इस बार वो बीजेपी के चक्रव्यूह में ऐसे फसे की फसते ही चले गये। ईमानदार छवी और मुफ्त की योजना केजरीवाल के दो ऐसे ब्रह्मास्त्र थे जिनके सामने विरोधी चुनाव दर चुनाव चारो खाने चित हो रहे थे आलम ये था कि तमाम दाव पेच के बाद भी केजरीवाल के सामने मोदी का जादू भी बेअसर हो रहा था। बीजेपी ये समझ चूकी थी कि केजरीवाल की छवि और मुफ्त की योजना ये तरकस के ऐसे तीर है जो केजरीवाल को दिल्ली की सियासत में अजेय बनाये हुए है। 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने केजरीवाल की कट्टर ईमानदार छवि पर हमला कर घेराबंदी शुरु कर दी थी और इसका मौका खुद केजरीवाल ने नई शराब निति लाघु करके विपक्ष को दिया क्योकि इसके बाद वो और उनके कई मंत्री एक के बाद एक शराब घोटाले में फंसते चले गये और ताबूत में आखरि कील ठोकने का काम केजरीवाल के आलिशान मकान (जिसे बीजेपी ने शीशमहल कह कर प्रचारित किया था) ने कर दिया।
शराब घोटाले में मुख्यमंत्री रहते हुए ना सिर्फ केजरीवाल जेल गये बल्कि पार्टी और सरकार में नंबर 2 की पोजिशन रखने वाले मनीष सिसोदिया को भी लंबे वक्त तक जेल की हवा खानी पडी और ये समझिये की वहीं से हवा का रुख बदलने लगा केजरीवाल की कट्टर ईमानदार छवि पर अपने भी सवाल उठाने लगे केजरीवाल लगातार भाजपा के जाल में फंसते चले गये। एक तरफ बीजेपी केजरीवाल को भ्रस्ट और कट्टर बेइमान कह कर प्रचारित करती रही दूसरी तरफ शराब घोटाले, मनिलॉडरिंग और शीशमहल के मुद्दे को कभी ठंडा नही पडने दिया। केजरीवाल की ईमीनदार छवि पर सवाल उठने लगे थे लोग पार्टी छोड कर जाने लगे, अपने सहयोगी भी केजरीवाल को स्तीफा देकर जेल जाने की राय देने लगे थे, केजरीवाल की ईमानदार छवि पर बट्टा लगा कर बीजेपी ने केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं को बाइपास कर अपने चुनावी घोषणा पत्र में उनसे भी जादा लोकलुभावन फ्री की योजनाओं की घोषणाओं को लाकर केजरीवाल के दोनों तरकस के तीरों को बेअसर कर दिया। रही सही कसर मध्मवर्ग की नाराजगी ने पूरी कर दी,नतीजों को देखे तो विधानसभा चुनाव में जो फ्लोटर वोटर आम आदमी पार्टी को वोट करता था इस बार बीजेपी आप के इन वोटर में सेंध लगाने में कामयाब रही।
लगातार तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल 2015 और 2020 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में रहे अब उनकी विदाई भी कुछ ऐसी ही हुई है, कभी तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दिक्षित को हरा कर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए केजरीवाल इस बार दो पुर्व मुख्यमंत्रीयों के बेटों के बीच ऐसे फंसे की निकल ही नही पाए दिल्ली की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली नई दिल्ली सीट से केजरीवाल को दिल्ली के पुर्व मुख्यमंत्री के बेटे और दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा से मात मिली है। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 वोटों से शिकस्त दी है। नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को इस बार बाल्मिकी समाज की नाराजगी भी ले डूबी और केजरीवाल को हराने में पुर्ण आहुति देने का काम कांग्रेस के संदीप दिक्षित ने किया क्योकि उन्हे 4568 वोट मिले है। और इस सीट पर जीत हार का अंतर भी लगभग उतना ही है। वैसे केजरीवाल को मात देकर प्रवेश वर्मा ने मुख्यमंत्री के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है और जीतने के बाद जिस तरह से ग्रहमंत्री अमित शाह से वर्मा की मुलाकात हुई है उससे सीएम फेस के लिए उनके नाम पर और कयास लगने शुरु हो गये है।
चुनाव में सिर्फ केजरीवाल की हार हुई है ऐसा नही है बल्कि उनके कई दिग्गज नेता इस बार मात खा गये सबसे दिलचष्प हार पुर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की हुई है वो लगातार तीन बार पटपडगंज सीट से विधायक रहे हैं लेकिन वो इस बार अपनी सीट प्रसिद्ध शिक्षाविद अवध ओझा के भरोसे छोड कर खुद जंग पुरा सीट पर चुनाव लडे, लेकिन वो कहते है ना कि ‘दुविधा में दोनो गये माया मिली ना राम’ ऐसा ही कुछ इस चुनाव में मनीष सिसोदिया के साथ भी हुआ खुद भी जंगपुरा की जंग हारे और अवध ओझा को भी ले डूबे। इस चुनाव में डूबने वालों की लिस्ट जरा लंबी है पुर्व मंत्री सतेन्द्र जैन भी चुनाव हार गये, मंत्री सौरभ भारद्वाज, राखी बिडला, पुर्व मंत्री सोमनाथ भारती, चुनाव हार गये लेकिन सीएम आतिशि, मंत्री गोपाल राय, मंत्री इमरान हुसैन लाज बचाने में कामयाब रहे हैं। 2020 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 सीट मिली थी और इस बार महज 22 सीटों पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस को इस चुनाव में भले ही कोई लाभ हानि ना हुई हो लेकिन केजरीवाल और सिसोदिया सहित आप के कई दिग्गज कांग्रेस के चलते विधानसभा की मुंडेर लाघते लाघते रह गये।
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