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Delhi News: बैन के बाद भी दिल्ली में क्यो जले पटाखे? SC ने पुलिस और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

Delhi News: Why were firecrackers burnt in Delhi even after the ban? SC sought answers from the police and the Delhi government

Delhi News: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है, साथ ही पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में उनकी कार्रवाई के बारे में भी पूछा है। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आतिशबाजी पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन किया गया है और सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि वे शहर में प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को जानकारी दें। हलफनामा दायर कर यह भी बताएं कि पटाखों पर बैन पर अमल पूरी तरह से अगले साल हो इसको लेकर क्या प्रस्ताव है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने अखबार में छपी खबरों का हवाला दिया और कहा कि पटाखों पर बैन के लिए अदालत का जो आदेश था उसका उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन का उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई, यह भी बताया जाए।

हफ्ते भर में मांगा कोर्ट ने जवाब


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से कहा है कि वह हफ्ते भर में इस मामले में जवाब दाखिल करें . सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के शोध का हवाला देते हुए कहा कि 2024 की दिवाली 2022 और 2023 की दिवाली से अधिक गर्म होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पंजाब और हरियाणा सरकार को कहा है कि वह अक्टूबर के आखिरी 10 दिनों में पराली जलाने की घटना में होने वाली बढ़ोतरी पर जवाब दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से कहा है कि वह 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों पर बैन का जो भी उल्लंघन करते हैं उनके परिसरों को सील करने जैसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पटाखों के बैन पर नहीं हुआ अमल


सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह निर्विवाद है कि प्रतिबंध पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। सीएसई विश्लेषण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का पालन नहीं किया गया है। नतीजतन, इस दिवाली राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। 2022 और 2023 की तुलना में यह काफी ज़्यादा है। इसके अलावा, दिवाली के दौरान पराली जलाने के मामले भी बहुत ज़्यादा देखने को मिले हैं। दिल्ली और एनसीआर वायु प्रदूषण पर एमसी मेहता द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस ओका की अगुवाई वाली बेंच सुनवाई कर रही है। दिल्ली में प्रदूषण के कुछ कारण वाहन, पराली जलाना और पटाखे हैं।

दिल्ली सरकार से भी पूछे सवाल


सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, हम दिल्ली प्रशासन को आदेश देते हैं कि वह पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को स्पष्ट करे। साथ ही हम पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करते हैं और हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया जाता है कि पटाखों पर बैन के आदेश के अमल पर क्या कदम उठाए हैं। दिल्ली पुलिस और पुलिस कमिश्नर यह भी बताएं कि अगले साल पटाखों पर बैन के आदेश पर पूरी तरह से अमल हो इसके लिए किस तरह के कदम का प्रस्ताव है। इसमें लोगों के बीच जागरूकता भी शामिल होना चाहिए।

पटाखों के बैन के आदेश का क्या हुआ?


न्यायमूर्ति ओका ने सोमवार के सत्र के दौरान कहा कि वह आगामी वर्ष में दिवाली और अन्य त्योहारों पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव देंगे। हालांकि, हम पहले इस प्रतिबंध आदेश की स्थिति का अवलोकन करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति ओका के अनुसार, पटाखों पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन में कमी के कारण दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई है। जस्टिस ओका ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगले साल एक मैकेनिज्म हो ताकि यह दोबारा न हो सके। हम बताना चाहेंगे कि दिक्कत क्या है। एयर पल्यूशन एक्ट का जो प्रावधान था, उसमें बदलाव कर उसे भारत सरकार की ओर से हटा दिया गया है। फिलहाल जुर्माने से संबंधित एक धारा है। हालांकि, हम यह देखना चाहते हैं कि प्रतिबंध किस तरह लागू होता है। क्या पटाखा विक्रेताओं की संपत्ति को बंद करना संभव है? हमें कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, दूसरे राज्यों से भी लोग पटाखे लेकर आ रहे हैं। दिवाली के समय लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में सीएसई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिवाली के दिन वायु प्रदूषण में 30% की वृद्धि देखी गई। साथ ही इस दौरान पराली जलाने की घटना में बढ़ोतरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह एक हफ्ते में हलफनामा दायर करे और अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय कर दी है।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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