Delhi Rain News: दिल्ली के इस हाल के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार ?
Delhi Rain News: कहीं कार फंसी है.. कहीं स्कूटी.. तो कहीं किसी की बाइक..बारिश में दिल्ली का ये हाल हुआ की मानो कार के साथ साथ दिल्ली का इंजन बैठ गया। ऐसा लग रहा है मानो सड़क पर यमुना नदी उतर गई है.. हर चीज थम गई.. ये गाड़ी भी बारिश के दौरान सड़क पार करने की फिराक में थी.. लेकिन अब ये किसी कबाड़ी की तरङ कोने में खड़ी है.. अब इंतजार है कि बारिश का पानी उतरेगा.. इस कार का मालिक मेकैनिक लेकर आएगा.. तब जाकर ये कार फिर से चल पाएगी..
दिल्ली के लाडो सराय में जब सुबह सुबह लोग सड़कों पर निकले.. तो एक बीएमडब्लू और मर्सीडीज कार लावारिस सड़क पर खड़ी थी.. गाड़ी के आगे पीछे ये झाड़ बता रहा है कि गाड़ी खराब खड़ी है.. इतना मलबा पानी में बहा और गाड़ी बंद हो गई.. BMW कार.. आप अंदाजा लगा सकते हैं.. कितना पानी था.. 4-4 फीट की कार बंद हो गई।
कार के आगे जमा मलबा देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रात के वक्त यहां हालात क्या रहे होंगे। 90 लाख की ये मर्सीडीज कार को खरीदने वाले शख्स ने सोचा होगा.. सड़क पर आराम से सवारी करेंगे.. लेकिन दिल्ली में चंद घंटों की बारिश में इनके सारे अरमान धुल गए.. लेकिन इस 90 लाख की कार कबाड़ बनाने में हाथ है 40 पैसे की पॉलिथीन का.. जीहां 40 पैसे की पॉलिथीन ने 90 कार की कार को कबाड़ कर दिया। पूरी दिल्ली पानी पानी हो गई.. लेकिन जब जी मीडिया संवाददाता सुबह सुबह दिल्ली का हाल जानने निकले तो पता चला की जगह जगह ड्रेन व्लॉकेज है.. और ब्लॉकेज की वजह है पॉलिथीन। पहले 40 पैसे का ब्लॉकेज और ऊपर से समय पर सफाई न होना.. इस लापरवाही का अंजाम ये हुआ की रातो रात दिल्ली गाड़ियों का कब्रिस्तान बन गई।
मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़ी गाड़ियों में बारिश का पानी भर गया.. यहां भी अंजाम यही हुआ.. कार आगे ही नहीं बढ़ पा रही थी। ये हाल किसी खास इलाके का नहीं था बल्कि हर तरफ यही मजर पसरा था। ऐसे कई लोग जो अपनी गाड़ी छोड़कर जा सकते थे वो तो चले गए.. लेकिन कुछ लोग रात से सुबह से मदद की आस में खड़े रह गए। सवाल ये है कि पूरी दिल्ली को गाड़ियों का कबाड़खाना बनाने के लिए जिम्मेदार कौन है..
किसकी वजह से डूबी दिल्ली ?
सड़क पर प्लास्टिक फेंकने वाले लोग.. जिनकी वजह से ड्रेन ब्लॉक होते हैं… या फिर ड्रेनेज की सफाई न करवा पाने वाला दिल्ली नगर निगम, या फिर बेचारे वो जो अपनी गाड़ी लेकर बारिश में निकले थे।